ज्ञानवापी प्रकरण में कोर्ट से की मांग- बनाये पक्षकार या घोषित करें तीसरा पक्ष, ट्विटर पर ट्रेंड करने लगा हिन्दू योद्धा अरुण पाठक
ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी प्रकरण को लेकर विश्व हिंदू सेना के अधिवक्ताओं ने आज जिला जज की अदालत में याचिका दायर की है. कोर्ट से विश्व हिंदू सेना के प्रमुख अरुण पाठक ने मांग किया है की उन्हें मामले में पक्षकार बनाया जाए या तीसरा पक्ष घोषित करें. उधर सोशल मीडिया पर हिन्दू योद्धा अरुण पाठक भी ट्रेंड करने लगा है.
वाराणसी, भदैनी मिरर। ज्ञानवापी प्रकरण में अब विश्व हिंदू सेना की भी इंट्री हो गई है। विश्व हिंदू सेना प्रमुख अरुण पाठक ने जिला जज के कोर्ट में माता श्रृंगार गौरी के विवाद को लेकर याचिका दायर कर दी है। कोर्ट ने याचिका स्वीकार करते हुए सुनवाई की तिथि 4 जुलाई मुक़र्रर की है। कोर्ट से अरुण पाठक के अधिवक्ता गिरीश उपाध्याय, अधिवक्ता विजय कुमार सिंह, अधिवक्ता विवेक कुमार चौबे, अधिवक्ता मुकेश कुमार मिश्रा और अधिवक्ता शिवप्रसाद पांडेय ने कोर्ट में एप्लिकेशन देकर कहा की अरुण पाठक तीन दशकों से संघर्ष करते रहे है। नित दर्शन की मांग को लेकर हमने वर्ष 1995 और 2017 में दो-दो बार रक्ताभिषेक किया है। पुलिस ने कई बार ज्ञानवापी दर्शन को जाते हुए अरुण पाठक को जेल तक भेजा है।
4 जुलाई की तिथि मुकर्रर
अरुण पाठक ने कहा है की ज्ञानवापी प्रकरण में अदालत में आज याचिका दायर कर दी गई है। एप्लिकेशन देकर कोर्ट से अनुरोध किया गया है की या तो हमें पक्षकार बनाया जाए या तो राखी सिंह सहित पांच महिलाओं द्वारा दायर याचिका में तृतीय पक्ष बनाया जाए। उन्होंने कहा की मां श्रृंगार गौरी के दर्शन को लेकर हमने शासन- प्रशासन से दुश्मनी मोल ली। शिवसेना में रहते हुए लंबी लड़ाई लड़ी और स्वाभिमान के खिलाफ जब पार्टी ने कांग्रेस से गठबंधन कर लिया तो हमने पार्टी से त्यागपत्र देकर अपना संगठन बनाया और संघर्ष जारी रखी।
अरुण पाठक ने कहा कि अगले तिथि पर हमारे अधिवक्ता अदालत को बताएंगे कि हमने तमाम मुसीबतों के बावजूद हिंदू धर्म को प्रचारित-प्रसारित करने का अभियान जारी रखा। इसके लिए हमारे पास प्रमाण भी हैं। ज्ञानवापी मस्जिद का मामला कई वर्षों से चल रहा है। बाबा और मां शृंगार गौरी के लिए हम कभी पीछे नहीं हटेंगे और न्याय मिलने तक हमारा संघर्ष जारी रहेगा।
अरुण पाठक के पक्ष में उतरे लोग
विश्व हिन्दू सेना के प्रमुख अरुण पाठक ने रविवार की देर रात 2 बजे सोशल मीडिया (फेसबुक और ट्विटर) पर वाद दाखिल करने की जैसे ही घोषणा की जनता ने इसे हाथों हाथ लिया है। सोमवार की दोपहर तक अरुण पाठक ने ट्वीटर पर नित श्रृंगार गौरी दर्शन के लिए अब तक किये गए संघर्ष को गिनना शुरू किया तो देखते ही देखते जनता ने हिन्दू_योद्धा_अरुण_पाठक ट्रेंड करने लगा। जनता ने अरुण पाठक को मानसिक रूप से सपोर्ट करने लगे है।
बता दें , अरुण पाठक सीएम योगी, प्रधानमंत्री मोदी और सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर के खिलाफ विवादित बयान और पोस्टर के मामलें में अब भी भूमिगत है। सोशल मिडिया पर लगातार हमलावर रहने वाले अरुण पाठक को वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस पिछले 23 महीनों से खोज नहीं पाई है। जबकि अरुण पाठक को उच्च न्यायालय ने नेपाली युवक के मुंडन कराने और योगी-मोदी के खिलाफ पोस्टर लगाने के आरोप में भेलूपुर और सिगरा थाने में दर्ज मुकदमें में जिला सत्र न्यायालय ने अंतरिम जमानत दी है।
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