भैरव अष्टमी : 23 नवंबर को मनेगा काशी कोतवाल का जन्मोत्सव, लगेगा 1100 किलो देशी केक का भोग
1100 किलो का देशी केक (शुद्ध देशी घी की मिठाइयों, फलों व पंचमेवे से निर्मित ) काटकर काशी के कोतवाल बाबा कालभैरव का जन्मोत्सव मानाया जाएगा।
वाराणसी। 1100 किलो का देशी केक (शुद्ध देशी घी की मिठाइयों, फलों व पंचमेवे से निर्मित ) काटकर काशी के कोतवाल बाबा कालभैरव का जन्मोत्सव मानाया जाएगा। यह केक भारत के इतिहास में सबसे विशाल केक होगा, जो मन्दिर में चढ़ाया जायेगा।
काशी के कोतवाल बाबा कालभैरव का वार्षिक जन्मोत्सव (भैरव अष्टमी) दिनांक 23 नवम्बर दिन शनिवार को दोपहर 1:30 बजे आरती के समय बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जायेगा। विगत कई वर्षों की भांति इस वर्ष भी बाबा का जन्मोत्सव शुद्ध देशी घी की मिठाइयों, फलों व पंचमेवा से निर्मित देशीकेक को काटकर मनाया जायेगा।
आयोजन समिति के प्रिंस गुप्ता (अधिष्ठाता प्रिन्स बेकर्स), पंकज चतुर्वेदी, संतोष दूबे, नवीनगिरी, सोनू, सुमित उपाध्याय, अक्षय, संजय दूबे, मनोज यादव, शुभम, प्रितम, प्रकाश शर्मा, आलोक नादान, गुरु यादव, गदर मिश्रा, धर्मेन्द्र मिश्रा, अग्रवाल जी, सागर, आशीष गुप्ता के अनुसार विगत पिछले 22 वर्षों से आयोजन समिति व भक्तों के सहयोग से बाबा का जन्मोत्सव केक काटकर व पॉपकार्न व टाफियां बांट कर मनाया जायेगा।