पुरुषों में भी होता है ब्रेस्ट कैंसर: यह लक्षण है तो हो पुरुष हो जाए सतर्क, महिलाओं में यह है सिम्पटम

यह भ्रम छोड़ दें कि केवल महिलाओं में ही ब्रेस्ट कैंसर होता है. ब्रेस्ट कैंसर पुरुषों में भी होता है जिसका प्रतिशत काफी कम होने से इस पर बात नहीं होता।

पुरुषों में भी होता है ब्रेस्ट कैंसर: यह लक्षण है तो हो पुरुष हो जाए सतर्क, महिलाओं में यह है सिम्पटम

वाराणसी,भदैनी मिरर।  क्या आपको पता है कि पुरुषों में भी ब्रेस्ट कैंसर होता है? आपको लगेगा कि पुरुषों के पास ब्रेस्ट तो होता ही नहीं तो कैंसर कैसे हो सकता है? इस भ्रम को तोड़ा है वाराणसी की मशहूर अस्पताल भिखारीपुर (सुंदरपुर) वाराणसी के एपेक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल की रेडिएशन ऑन्कोलॉजिस्ट डॉक्टर अंकिता पटेल ने. उन्होंने कहा है कि 1 प्रतिशत पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर होता है. आमजन को लगता है कि केवल महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर हो सकता है लेकिन यह धारणा गलत है. उनका कहना है कि ब्रेस्ट कैंसर एक तरह का हार्मोनल डिसीज है. एस्ट्रोजन की मात्रा जब शरीर में बढ़ती है उसकी वजह से होता है और ब्रेस्ट टिशू में होता है. पुरुषों में ब्रेस्ट टिशू बहुत ही काम होता है इसलिए पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर होने की संभावना बहुत कम होती है. पुरुषों में एस्ट्रोजन की मात्रा बहुत कम होती है इसलिए भी ब्रेस्ट कैंसर होने की संभावना कम होती है. 
यदि पुरुष हार्मोनल ट्रीटमेंट ले रहा हो, क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम है या क्रोनिक अल्कोहलिक है या किसी का ब्रेस्ट बढ़ गया है या किसी भी बीमारी में किसी प्रकार से चेस्ट पर रेडिएशन दिया गया है तो ऐसे मामलों में पुरुषों में भी ब्रेस्ट कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है. 

डॉक्टर अंकिता पटेल कहती है कि भारत में महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर होना एक समान्य बीमारी है. इसका इलाज संभव है और इलाज के साथ महिलाएं अच्छा  जीवन यापन कर सकती है. बस जरुरत है कि वह स्तन पर असामान्य चीजों को नजरअंदाज न करें. वह खुद ही अपने स्तन का ख्याल रखें और वर्ष में एक बार क्लिनिकल चेकअप डॉक्टर से करवा लें. उनका कहना है कि 40 वर्ष की उम्र के बाद हर महिला को मेमोग्राफी करवा लेनी चाहिए. वह स्तन कैंसर के लक्षण बताती है-  

  1. स्तन या बगल में गांठ या मोटापन 
  2. स्तन के आकार, आकृति या स्पर्श में बदलाव 
  3. स्तन की त्वचा में जलन, गड्ढे, सिकुड़न, पपड़ी या सूजन 
  4. स्तन की त्वचा का रंग बदलना, जैसे कि लाल, बैंगनी या गहरा होना 
  5. निप्पल का अंदर की ओर खिंचना या चपटा दिखना 
  6. निप्पल क्षेत्र में दर्द होना 
  7. निप्पल से खून के धब्बे या साफ़ तरल पदार्थ का रिसाव होना 
  8. स्तन के किसी भी क्षेत्र में दर्द होना