BHU में नहीं मिल पा रहा ब्लैक फंगस का इंजेक्शन, CMO कार्यालय पर परिजनों ने किया प्रदर्शन
वाराणसी,भदैनी मिरर। काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) में ब्लैकफंगस के मरीज का इलाज करा रहे परिजन इंजेक्शन की किल्लत झेल रहे है। बीएचयू अस्पताल और जिला स्वास्थ्य विभाग के बीच तीमारदार पीसते जा रहे है। बीते मई 2021 से बीएचयू के सर सुंदरलाल अस्पताल के आयुर्वेद संकाय में 40 बेड के नए पोस्ट कोविड वार्ड शुरू किया गया था। इस समय बीएचयू में 135 ब्लैक फॅंगस के मरीजों का इलाज चल रहा है। ब्लैक फंगस के मरीजों के लिए मुख्यमंत्री की ओर से निःशुल्क इलाज की घोषणा की गई थी, मगर अब दवाईयां सही तरीके से समय पर उपलब्ध नहीं हो पा रही है।
मरीज़ के तीमारदारों ने इस शिकायत के साथ शुक्रवार को सीएमओ कार्यालय दुर्गाकुंड पर प्रदर्शन किया और दवा उपलब्ध करवाने की मांग की। मरीज़ के तीमारदारों के अनुसार पिछले दो दिनों से हमें अपने मरीज़ को खिलाने के लिए बाहर से दवा लानी पड़ रही है और एक दिन की दवा 5 हज़ार रुपये से अधिक की पड़ रही है।
मरीज़ के तीमारदार और सीएमओ ऑफिस में प्रदर्शन कर रहे राकेश पांडेय ने कहा कि 18 मई 2021 को मेरा पेशेंट यहां एडमिट हुआ था। तीन महीना लगातार दवाएं प्रॉपर वे में मिलती रही मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुरूप पर फिर कई बार दवाएं बीच-बीच में बंद की गयीं। इसको लेकर हमने 17 तरीख को आंदोलन किया था। फिर दवाएं देना शुरू कर दी गयी थी पर पिछले दो दिनों से दवाएं बंद कर दी गयी हैं। डॉक्टर्स से जब पूछा गया तो बोले की केंद्र और राज्य सरकार का कुछ मसला है इसलिए दवाएं नहीं उपलब्ध हो पा रही हैं। हमें दवाएं बाहर से खरीदनी पड़ रही है। गरीब लोग कैसे लेंगे जो एक वक़्त की रोटी खाने के लिए सोचते हैं वो एक दिन की 5 हज़ार की दवा कहां से लाएंगे।
राकेश ने बताया कि इसके अलावा ब्लैक फंगस (म्यूकरमाइकोसिस) सबसे महत्वपूर्ण इंजेक्शन एंफोटेरिसिन-बी के बारे में भी डॉक्टर्स का कहना है कि वो भी सिर्फ एक या दो दिन के लिए बचा है। यदि ऐसा होगा तो फिर हमें अपना मरीज़ कहीं और ले जाना होगा। सीएमओ ऑफिस पर चल रहे धरने में शामिल श्वेता केसरी ने कहा कि हमें पिछले दो दिनों से मरीज़ की खाने वाले दवाएं बाहर से लानी पड़ रही है, जिसमे हमारा काफी पैसा लग रहा है।