फैमिली प्लानिंग और नशे की लत से हो रही प्रेगनेंसी में दिक्कत, गायनोकॉलोजिस्ट डॉ. वनीता महस्के बोलीं - आईवीएफ का हर कोई न लें सहारा

नए कपल्स संतान सुख प्राप्त करने के लिए काफी संघर्ष कर रहे है. जोड़े आईवीएफ सेंटर की ओर तेजी से रुख कर रहे है.

वाराणसी, भदैनी मिरर। शहर में तेजी से बढ़ रहे आईवीएफ सेंटर्स और संतान प्राप्ति में हो रही देरी के कारण कई कपल्स परेशान नजर आ रहे हैं. इस विषय पर री-लाइफ केयर हॉस्पिटल की डायरेक्टर और गायनोकॉलोजिस्ट, डॉ. वनीता महस्के ने भदैनी मिरर की टीम से विशेष बातचीत की और प्रेगनेंसी न होने के कारण और इसके उपाय के बारे में विस्तार से बताया.

डॉ. वनीता ने बताया कि आजकल कई कपल्स को आईवीएफ सेंटर्स की सहायता लेनी पड़ रही है, इसलिए शहर में आईवीएफ सेंटर्स की संख्या तेजी से बढ़ रही है. इसका प्रमुख कारण यह है कि लोग अब शादी में देरी कर रहे हैं. पहले की तुलना में कपल्स अब शादी के बाद परिवार बढ़ाने की प्लानिंग को भी टाल देते हैं. कुछ लोग सोचते हैं कि 30 साल की उम्र के बाद ही प्रेगेंट होने का सोचना चाहिए, लेकिन यह निर्णय भी कई समस्याएं पैदा कर सकता है.

उन्होंने यह भी कहा कि जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, आईवीएफ की आवश्यकता और सफलता दर पर असर पड़ता है. आजकल लोगों में शराब और सिगरेट का सेवन भी बढ़ रहा है, जिससे उनकी फर्टिलिटी पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. ड्रग्स या अन्य नशीले पदार्थों का इस्तेमाल करने से भी फर्टिलिटी पर असर होता है और स्पर्म काउंट और क्वालिटी में कमी आती है. 

शादी के बाद बच्चे में देरी से क्या समस्या होती है?

डॉ. वनीता ने बताया कि हां, यह भी प्रेगनेंसी न होने का एक प्रमुख कारण है. एक निश्चित उम्र सीमा होती है जब महिलाओं की प्रजनन क्षमता सबसे अच्छी होती है. यह माना जाता है कि 20 से 45 वर्ष के बीच कभी भी बच्चा हो सकता है, लेकिन महिलाओं के ओवम की संख्या बाय बर्थ निर्धारित होती है और यह हर महीने घटती जाती है. इसके अलावा, वातावरण और जीवनशैली भी इस पर प्रभाव डालते हैं. जैसे कोई मेडिसिन लेना, बीमार पड़ना या किसी दुर्घटना का शिकार होना. ये सभी चीजें महिला की प्रजनन क्षमता पर नकारात्मक असर डाल सकती हैं.

उन्होंने कहा कि 20 से 30 साल की उम्र में महिलाओं की बॉडी प्रेगनेंसी को सबसे अच्छी तरह से संभाल सकती है, लेकिन उम्र बढ़ने के साथ यह क्षमता धीरे-धीरे कम होने लगती है. इससे डायबिटीज, हाई बीपी, लिवर या किडनी डैमेज जैसी समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती हैं, जिससे प्रेगनेंसी में और देरी हो जाती है.

कब जाना चाहिए डॉक्टर के पास?

डॉ. वनीता का कहना है कि अगर कोई कपल एक साल तक नियमित रूप से शारीरिक संबंध बना रहे हैं और फिर भी प्रेगनेंसी नहीं हो रही है, तो उन्हें डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए. अगर छोटी-मोटी समस्या है, तो उसे आसानी से ठीक किया जा सकता है, लेकिन दो महीने की कोशिश के बाद ही पैनिक होना गलत है.

आईवीएफ: वरदान या चिंता?

उन्होंने स्पष्ट किया कि आईवीएफ सेंटर्स हानिकारक नहीं हैं, बल्कि यह उन कपल्स के लिए एक वरदान हैं जो संतान प्राप्ति में असमर्थ हैं. पहले जिन कपल्स को बच्चे नहीं हो सकते थे, उन्हें निराशा में जीना पड़ता था, लेकिन अब आईवीएफ जैसी तकनीक से उन्हें एक नई उम्मीद मिल रही है. हालांकि, यह जरूरी नहीं कि हर कोई आईवीएफ का ही सहारा ले. पहले अन्य चिकित्सीय उपायों की कोशिश करनी चाहिए और अगर सब असफल रहे, तभी आईवीएफ को विकल्प के रूप में देखना चाहिए.