वाराणसी: लंका पर स्ट्रीट वेंडरों का धरना, पुलिस पर लगाया उत्पीड़न का आरोप, कहा - उद्योगपतियों को लाभ देने के लिए वेंडरों को उजाड़ा

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU) अस्पताल के छोटे गेट के पास लगने वाले ठेला गुमटी को हटाए जाने से आक्रोशित स्ट्रीट वेंडरों ने सोमवार को गुमटी व्यवसायी समिति के अध्यक्ष और टाउन वेडिंग कमेटी के पूर्व सदस्य चिंतामणि सेठ की अध्यक्षता में धरना दिया.

वाराणसी: लंका पर स्ट्रीट वेंडरों का धरना, पुलिस पर लगाया उत्पीड़न का आरोप, कहा - उद्योगपतियों को लाभ देने के लिए वेंडरों को उजाड़ा

वाराणसी, भदैनी मिरर। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU) अस्पताल के छोटे गेट के पास लगने वाले ठेला गुमटी को हटाए जाने से आक्रोशित स्ट्रीट वेंडरों ने सोमवार को गुमटी व्यवसायी समिति के अध्यक्ष और टाउन वेडिंग कमेटी के पूर्व सदस्य चिंतामणि सेठ की अध्यक्षता में धरना दिया. इन स्ट्रीट वेंडरों का प्रख्यात सामाजिक कार्यकर्ता मैग्सेसे पुरस्कार विजेता डॉ संदीप पांडेय ने समर्थन दिया. इस दौरान स्ट्रीट वेंडरों ने पुलिस पर उत्पीड़न का आरोप लगाया.

धरना स्थल पर समर्थन देने पहुंचे प्रख्यात सामाजिक कार्यकर्ता डॉ संदीप पांडेय ने कहा कि इन स्ट्रीट वेंडरों का लगातार उत्पीड़न हो रहा है. जबकि पथ विक्रेता अधिनियम 2014 इनको अधिकार मुहैया करवाता है. प्रमुख सचिव यूपी और सचिव भारत सरकार द्वारा स्ट्रीट वेंडरों के उत्पीड़न न करने के स्पष्ट निर्देश के बाद भी पुलिस इन वेंडरों का उत्पीड़न कर रही है. उन्होंने कहा कि 2014 से ही झूठे सब्जबाग में फंसा बनारस अपने ही जनप्रतिनिधि के वीआईपी होने का भुगतान कर रहा है. धरने पर बैठे ये लोग अपनी आजीविका को अपने बलबूते पर चला रहे है. सरकार तो इनको नौकरी दे नहीं सकती और न ही इनके व्यवसाय के लिए स्थान, मगर उजाड़ने का काम तेजी से चला रही है. सरकार की यह कोशिश भी कही न कही उ‌द्योगपतियों को लाभ पहुंचाने की कोशिश के रूप में देखी जानी चाहिए और लघु व्यापार को समेटने की कोशिश के रूप में भी देखी जा सकती है. क्योंकि यदि इनका व्यवसाय रुकेगा तभी तो लोग महंगे रेस्टोरेंट और शोरूम को लाभ पहुंचाने के लिए मजबूर रहेंगे. इन छोटे वेंडरों की आजीविका छीन जाने के बाद इनका भविष्य क्या होगा, इनके बच्चो का भविष्य क्या होगा इस मामले में सरकार का क्या पक्ष है हम ये सवाल उठाना चाहते है?

देंगे अनिश्चितकालीन धरना

गुमटी व्यवसायी समिति के अध्यक्ष और टाउन वेडिंग कमेटी के पूर्व सदस्य चिंतामणि सेठ ने बताया कि जब से नरेंद्र मोदी वाराणसी से सांसद बने हैं, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के बाहर ठेले पर सामान बेचने वालों के लिए अपना सामान बेचना कठिन हो गया है. 3 सितम्बर को उन्हें पुलिस द्वारा बर्बरतापूर्वक लाठी चला कर हटा दिया गया जो पथ विक्रेता अधिनियम 2014 का स्पष्ट उल्लंघन है. 9 अक्टूबर को भेलूपुर जोनल कार्यालय के बाहर धरने के बाद जोनल अधिकारी ने मान लिया था कि अगले दिन से ठेले लगेंगे किन्तु फिर भी लंका थाने की पुलिस ठेले नहीं लगने दे रही. पथ विक्रेता अधिनियम 2014 के तहत अपने अधिकारों को हासिल करने के लिए आज से हम लोग एक अनिश्चितकालीन धरने की शुरुआत कर रहे हैं.

वेंडरो की ओर से की गई यह 5 सूत्रीय माँग 


1- लंका नरिया मार्ग पर बीएचयू अस्पताल के बाहर दिवाल से सटे क्षेत्र को एक्ट 2014 के तहत प्राकृतिक बाजार के तौर पर मान्यता देते हुए वेंडिंग जोन घोषित करें.

2- वेंडरों का आजीविका शासन-प्रशासन कि जिम्मेदारी है.

3- पुलिस उत्पीड़न को रोकने के लिए आवश्यक पत्राचार करते हुए तत्काल प्रभाव से आजीविका को ध्यान में रखते हुए दुकान लगावने की व्यवस्था करें.

4- वेंडिंग जोन आवंटन के अनुपस्थिति में वेंडर विस्थापन कानून के अनुसार एक अविधिक और गलत प्रक्रिया है.

5- लंका नरिया मार्ग पर दुकानदारों को अवैध प्रकिया के तहत हटाने वाले अधिकारियों और दस्ते पर समुचित अनुशासनात्मक कार्रवाई करें.