बोले कांग्रेस नेता संजय चौबे बजट किसानों के हित में नहीं, गुमराह कर लाया गया नया कृषि कानून बिल...

उन्होने कहा कि सरकार विपक्ष एवम देश की जनता को चकमा देते हुए सन 2020 में कोरोना काल में सरकार तीन काले कृषि कानून ले आयी और दावा किया की  किसानो की आयु दोगुनी हो जाएगी और स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट संतृप्त हो जाएगी। यह सरासर झूठी है क्योकि पहले कृषि कानून से मंडी सिस्टम खत्म हो जायेगा और किसान को एम एस पी नही मिलेगी दूसरे से किसान यदि  कांट्रैक्ट फार्मिंग करता है तो विवाद होने पर एसडीएम कोर्ट किसान के साथ न्याय नहीं कर पायेगी क्योकि सरकार का उसपर नियंत्रण रहता है और तीसरे कानून से कालाबाजारी बढ़ेगी और साहूकार जब चाहेगे किसान की फसलो का मूल्य गिरा देंगे

बोले कांग्रेस नेता संजय चौबे बजट किसानों के हित में नहीं, गुमराह कर लाया गया नया कृषि कानून बिल...

वाराणसी/भदैनी मिरर। आजादी के बाद काँग्रेस सरकार के समय में शुरू की गयी हरित क्रांति के जनक एस एस  स्वामीनाथन के सुझाव पर सरकार ने भूमि सुधार ,बीज सुधार ,अच्छे उर्वरकों की उपलब्धता, कीट नाशकों के लिए काफी काम किया तथा सिचाई की सुविधाओ के लिये पंपिंग सेट के लिए सब्सिडी की व्यवस्था किया और नहरों का जाल बिछाया फलस्वरूप भारतवर्ष खाद्यान संकट से बाहर आ गया लेकिन किसानो की दशा दीनहीन बनी रही इसके लिए सन 2006 में स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट आयी जिसमे उन्होने किसानो की आय दोगुनी करने के लिये A2,A2+FL,तथा C2 फार्मूला दिया जिसके आधार पर आज के समय गेहू का मूल्य क्रमश प्रति किलो रू 25.80,रू55.80,तथा रू 130.80,धान के लिए प्रति किलो रू 18.15,रू 36.75तथा रू 86.79 एवम गन्ने के लिए रू 333प्रति कुंतल, रू 933प्रति कुन्तल तथा रू1833 प्रति कुंतल आता है अगर सरकार इसे लागू कर दे तो किसान समृद्धिशाली बन जाएगा। उक्त बातें पराडकर स्मृति भवन के पत्रकारवार्ता कक्ष में बुधवार को उत्तर प्रदेश किसान काँग्रेस पूर्वी जोन के प्रदेश प्रवक्ता संजय चौबे ने कही। 

उन्होने कहा कि सरकार विपक्ष एवम देश की जनता को चकमा देते हुए सन 2020 में कोरोना काल में सरकार तीन काले कृषि कानून ले आयी और दावा किया की  किसानो की आयु दोगुनी हो जाएगी और स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट संतृप्त हो जाएगी। यह सरासर झूठी है क्योकि पहले कृषि कानून से मंडी सिस्टम खत्म हो जायेगा और किसान को एम एस पी नही मिलेगी दूसरे से किसान यदि  कांट्रैक्ट फार्मिंग करता है तो विवाद होने पर एसडीएम कोर्ट किसान के साथ न्याय नहीं कर पायेगी क्योकि सरकार का उसपर नियंत्रण रहता है और तीसरे कानून से कालाबाजारी बढ़ेगी और साहूकार जब चाहेगे किसान की फसलो का मूल्य गिरा देंगे। इन तीनो कानून के विश्लेषण से स्पष्ट है की किसानो का केवल नुकसान हो रहा है कही से भी स्वामीनाथन कमेटी के फार्मूले A2,A2+FL,C2 का पालन नही हो रहा है और  सरकारी झूँठ का पर्दाफाश हो जाता है जब तक स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट में C2 फार्मूले को लागू नही करेगी तब तक न देश विकास करेगा न किसान। 

इस काले कानून को निरस्त कराने को लेकर आंदोलनरत किसानो को प्रदेश में योगी सरकार और देश में मोदी सरकार के लोगो ने देश के अन्नदाता किसानो को कभी आतंकवादी, खालिस्तानी तो कभी देशद्रोही कह रही है। चौबे ने कहा की बीजेपी के लोगों का कहना है कि किसानो ने लाल किले पर झंडा फहराकर लालकिले का अपमान किया है सवाल यह उठता है कि किसान लाल किले तक पहुचे कैसे क्योकि लाल किले में केवल एक ही दरवाजा होता है वो भी बहुत मजबूत जब तक सरकारी लोग नही चाहेगे तब तक कोई बहा पहुच नही सकता है। जबकि हकीकत यह है कि जिन लोगों (दीप सिद्धू और लख्खा सीदना) ने लालकिले पर धार्मिक झंडा फहराया उनमे से एक दीप सिद्धू की फोटो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के साथ वायरल हो रही है इससे सिद्ध होता है की लालकिले पर झंडा फहरवाकर किसानो को बदनाम करने की साजिश बहुत पहले से रची जा रही थी। जिससे किसानो को बदनाम करके उनके आंदोलन को खत्म कराया जा सके। आखिर सवाल उठता है कि किसान ऐसा करके अपना और आंदोलन का नुकसान क्यो करेगा?  

लालकिले की घटना के बाद जब सरकार आंदोलन को कुचलने में नाकामयाब हो गयी और आंदोलन राकेश टिकैत के आशू प्रकरण के बाद और मजबूत हुआ तब बड़े ही चालाकी से गाजीपुर बार्डर पर अपने अपने नेताओ और कार्यकर्ताओ को और सिंधु बार्डर पर दिल्ली के एक लोकल लीडर को भेजकर आंदोलन रत किसानो को धमकी दिलवाया और सिंधु बार्डर पर तो मारपीट भी हो गयी गोदी मीडिया ने इसे प्रचारित किया कि लोकल लोग किसानो से परेशान है जबकि इसके विपरीत सरकार ने लोकल लोगों द्वारा आंदोलनरत किसानो को दिए जा रहे सहयोग से आजिज आकर और आंदोलन फैलने के डर से हरियाणा के लगभग 17 जिलो में और उत्तर प्रदेश के दिल्ली बार्डर वाले जिलो में इंटरनेट सेवा बंद कर दिया ।


संजय चौबे ने कहा कि सरकार ने 2021-22 के अपने बजट में अपने तीनो काले कृषी कानूनों को ध्यान में रखते हुए ही यह बजट बनाया है एवम सरकार ने एम एस पी दिलाने वाली दो योजनाओ एम आई एस और पी एस एस के बजट को 2000 करोड़ से 1500करोड़ कर दिया गया है जिससे स्पष्ट होता है की किसानो की शंका सही है की एम एस पी को धीरे धीरे खत्म कर दिया जाएगा इसके साथ ही किसान सम्मान निधि के बजट को 75000 करोड़ से घटाकर 65000 हजार करोड़ कर दिया गया है एवम मनरेगा सहित बहुत सी ग्रामीण एवम किसान योजनाओ को घटाकर किसान एवम मजदूर वर्ग की घोर उपेक्षा की गयी है तथा डीजल और पेट्रोल पर क्रमशःरू4.50 और रू 2 कृषी सेस लगाकर सरकार ने अपने मानसिक दिवालिया पन का परिचय दे दिया है क्योकि किसान पेट्रोल और डीजल का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करते है और मोदी सरकार सेस के माध्यम से किसानो से पैसा लेगी और फिर उन्ही पर खर्च करेंगी। फिर सवाल उठता है कि सरकार ने gst सहित अन्य माध्यम से प्राप्त टैक्स में से किसानो को क्या दिया ? जवाब मिलेगा शून्य अतः स्पष्ट है कि यह एक ठग बजट है जिसमे दिया कुछ नही जाता है केवल शोर मचाया जाता है। 

सरकार को रामायण में वर्णित भगवान राम के चरित्र से शिक्षा लेनी चाहिए जिसमे प्रजा के एक वर्ग द्वारा पवित्रता को लेकर लगाये गये आरोप मात्र से ही भगवान राम को माता सीता का परित्याग करना पड़ गया और बन जाना पड़ा यहा तो देश के सारे किसान आरोप लगा रहे है कि प्रधनमंत्री मोदी जी उद्योगपतियों के इशारे पर तीन काले कृषी कानून बनाकर देश के किसानो का उत्पीड़न कर रहे है और प्रधानमंत्री मोदी और उनकी कैबिनेट टस से मस नही हो रही है इस लिये उत्तर प्रदेश किसान काँग्रेस पूर्वी जोन 4 फरवरी 2021को सभी जिला मुख्यालयो में बुद्धि शुद्धि यज्ञ करेगी जिससे ईश्वर सरकार को सद्बुद्धि दे कि केन्द्र में मोदी की सरकार और प्रदेश में योगी की सरकार किसानो पर गलत आरोप लगाने से बाज आये और  ईमानदारी से किसानो के दर्द को समझते हुए तीनो काले कानून को रद्द करे और एम एस पी को कानूनी दर्जा दे जिससे देश के किसानो का हित हो सके । पत्रकार वार्ता में प्रमुख रूप से संजय चौबे के अतरिक्त देवेंद्र चौधरी, प्रभात वर्मा, धीरज शुक्ला और राज जायसवाल उपस्थित रहे।