ब्लैकमेलिंग करने वाली महिला अरेस्ट, व्यापारी से नहीं मिली रंगदारी तो महिला ने दे दी दुष्कर्म की तहरीर
शहर में प्रतिष्ठित और ख्यातिलब्ध लोगों को ब्लैकमेल कर पैसे ऐंठने वाले गिरोह काफी सक्रिय है.
वाराणसी, भदैनी मिरर। शहर में प्रतिष्ठित और ख्यातिलब्ध लोगों को ब्लैकमेल कर पैसे ऐंठने वाले गिरोह काफी सक्रिय है. ज्यादातर लोग पुलिस के झाम से बचने के लिए ऐसे गिरोह के लोगों को मुंह मांगा रुपए दे देते है, लेकिन इस बार पीड़ित ने पुलिस की मदद ली और शिवपुर निवासी महिला से ब्लैकमेल होने से बच गया. सारनाथ पुलिस ने महिला को अरेस्ट कर जेल भेज दिया है.
जानकारी के अनुसार व्यापारी शशिकांत पांडेय के एक मित्र नीरज कुशवाहा है. नीरज कुशवाहा की परिचित महिला पूजा पांडेय बेरोजगारी और गरीबी का हवाला देकर नौकरी की मांग करने गई. शशिकांत पांडेय ने महिला के लिए काम न होने की बात कही. लेकिन बार-बार महिला ने गरीबी का हवाला दिया जिस पर शशिकांत ने खुद का व्यापार शुरु करने के लिए ₹ 20 लाख रुपए दे दिया.
माइक्रो फाइनेंस कंपनी बनाकर बांट दी पैसा
पैसे लेने के बाद पूजा ने माइक्रो फाइनेंस कंपनी बनाकर पैसे बांट दी. पूजा विश्वास जमाने के लिए कुछ पैसे शशिकांत को वापस की. लेकिन धीरे-धीरे पूजा ने पैसा देना बंद कर दिया. शशिकांत जब पैसे मांगते थे तो पूजा पैसे मार्केट में फंसे होने की बात कहकर टाल मटोल करने लगी. इस दौरान महिला शशिकांत से बातचीत करती रही और ब्लैकमेल पर उतारू हो गई.
फर्जी दस्तावेज से कर रही थी ब्लैकमेलिंग
शशिकांत ने जब शिवपुर निवासी पूजा पर पैसे वापस करने का दबाव डालने लगे तो उसने कहा कि तुम मुझे ₹20 लाख और दो अन्यथा तुम्हे सबक सिखा दूंगी. मैने पहले भी कई लोगों को ठीक किया है. इस दौरान फर्जी दस्तावेज के सहारे महिला ने शशिकांत के खिलाफ शिवपुर पुलिस को प्रार्थना पत्र दे दिया. पहले प्रार्थना पत्र की जांच शिवपुर पुलिस ने की तो दोष सिद्ध नहीं हो पाया. महिला दुबारा जब ब्लैकमेल करने के लिए प्रार्थना पत्र दी और थाने से पूछताछ के लिए बार-बार बुलाया जाने लगा तो व्यापारी के सब्र का बांध टूट गया और उसने संयुक्त पुलिस आयुक्त के कार्यालय पहुंचकर अपनी पीड़ा बताई.
इंस्टाग्राम आईडी बनाकर बदनाम करने की कोशिश
सारनाथ थाने में दिए गए व्यापारी शशिकांत के तहरीर की माने तो महिला तरह-तरह से शारीरिक और मानसिक रुप से प्रताड़ित करती है. उन्होंने डीसीपी क्राइम से प्रार्थना पत्र देकर बताया कि फर्जी इंस्टाग्राम आईडी बनाकर उन्हें बदनाम करने की कोशिश की जा रही है. जिस पर डीसीपी क्राइम की ओर से आईडी को बंद करवाया गया. व्यापारी ने बताया कि फर्जी दस्तावेज के सहारे महिला उन्हें बदनाम कर रही है.
जांच में महिला पर आरोप निकला सही
संयुक्त पुलिस आयुक्त के आदेश पर व्यापारी के तहरीर की जांच हुई तो महिला पर लगे सभी आरोप सत्य निकले. व्यापारी की तहरीर पर महिला के खिलाफ सारनाथ थाने पर आईपीसी की धारा 389, 406, 419, 420, 467, 468, 471 और 66-C आईटी एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है. पुलिस ने महिला को अरेस्ट कर जेल भेज दिया.