UPBoardResult: वाराणसी के आशुतोष ने प्रदेश में लाया आठवां स्थान, जिले में किया टॉप...
यूपी बोर्ड ने अपने हाईस्कूल परीक्षा परिणाम को शनिवार दोपहर जारी कर दिया. प्रदेश के टॉप टेन में वाराणसी के आशुतोष का नाम भी शामिल है, आशुतोष ने जिले को टॉप भी किया है.
वाराणसी,भदैनी मिरर। शनिवार को दोपहर तक यूपी बोर्ड के हाईस्कूल का परीक्षा परिणाम दोपहर 2 बजे घोषित कर दिया गया। जिसमें परीक्षा के टॉप टेन की सूची में से एक नाम वाराणसी के आशुतोष कुमार का भी है। आशुतोष ने 96.33% अंक लाकर प्रदेश स्तर पर आठवां स्थान तो जिले में पहला स्थान प्राप्त किया है। आशुतोष वाराणसी के शांति शिक्षा निकेतन इंटर कॉलेज का छात्र है। आशुतोष ने 600 में से 578 अंक प्राप्त किया है।
आशुतोष के विद्यालय के अध्यापक अशोक चौबे ने उन्हें बधाई दी साथ ही उनके उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए बताया कि आशुतोष शुरू से ही मेहनती और टैलेंटेड रहा है। हर क्लास में उसके काफी बेहतर अंक आते रहे हैं। स्कूल में आशुतोष का उदाहरण दिया जाता है।
वहीं आशुतोष के पिता दुलारराम ने कि वे इसी विद्यालय में छोटे पद पर कर्मचारी हैं। यह नौकरी नहीं होती तो घर चलाना मुश्किल हो जाता। उनका बच्चा LKG से ही इसी विद्यालय में पढ़ाई कर रहा है। उन्होंने बताया कि वाराणसी के सुलेमापुर में सिंधोरा रोड से दो किलोमीटर दूर उनका एक कच्चा मकान है। एक बड़ा लड़का गांव से बीए करता है और लड़की भी है। मां घर का काम-काज देखती हैं।दुलारराम ने बताया कि उनके परिवार में किसी के पास स्मार्ट फोन भी नहीं है। इसके बावजूद आशुतोष ने अच्छे नंबर प्राप्त कर परिवार और विद्यालय का सर गर्व से ऊंचा कर दिया है।
बता दें कि बोर्ड एग्जाम में टॉपर्स को 1-1 लाख रुपए दिया जा सकता है। योगी सरकार ने 2020 में इस इनाम की शुरूआत की थी। पैसे के साथ ही लैपटॉप और उनके घर तक पक्की सड़क बनाने की सौगातें दी गईं थीं। इस सड़क का नाम उनके नाम पर रखने का भी एलान किया गया था।
वहीं यूपी के 47 लाख 75 हजार 749 छात्र-छात्राओं में वाराणसी के 93 हजार 997 ने बोर्ड परीक्षा दी थी। यहां पर कुल 131 सेंटर बनाए गए थे। वहीं, 24 मार्च से 18 अप्रैल तक परीक्षा हुई और 23 अप्रैल तक तीन केंद्रों पर कॉपियां चेक कराईं गईं। मई में कॉपियों और रिजल्ट पर नंबर चढ़ाया गया। अब रिजल्ट जारी होने को पूरी तरह से तैयार है। पिछले साल वाराणसी में 97% से ज्यादा परीक्षाथी बोर्ड एग्जाम में पास हुए थे। हालांकि उस साल कोरोना महामारी की वजह से बोर्ड एग्जाम हुआ ही नहीं था। बिना परीक्षा के ही 97% तक रिजल्ट में सफलता मिली।