जन्मस्थली पर मनाई गई रानी लक्ष्मीबाई की पुण्यतिथि, लोगों ने याद की वीरांगना की वीरगाथा...
अंग्रेजी हुकूमत के दांत खट्टे करने वाली काशी की बेटी वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई की पुण्यतिथि उनके जन्मस्थली पर मनाई गई. जागृति फाउंडेशन और संकटमोचन फाउंडेशन के तत्वाधान में आयोजन किया गया.
वाराणसी,भदैनी मिरर। स्वतंत्रता संग्राम मे अंग्रेजों के दांत खट्टे करने वाली वीरांगना झांसी की रानी महारानी लक्ष्मी बाई काशी की बेटी थी । काशी की माटी ने ही उन्हें स्वतंत्र रहना सिखाया। काशी का संस्कार ही था जिससे वह हर लड़ाई जीती और उन्होंने महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक अमूल्य योगदान देते हुए यह संदेश दिया कि महिलाएं किसी से कम नहीं है वह चाहे तो देश और समाज को बदल सकती है। हम उनको सादर नमन करते हैं। काशी की बेटी ने देश की आजादी की लड़ाई में जो कार्य किया है वह यह सिद्ध करता है कि वह एक मजबूत महिला थी और किसी के आगे अपना सर झुकाने को तैयार नहीं थी। उक्त बातें शनिवार को वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई की 164 वी पुण्यतिथि के अवसर पर उनके भदैनी स्थित जन्मस्थली पर जागृति फाउंडेशन के तत्वाधान में आयोजित दो दिवसीय समारोह के दूसरे दिन संकट मोचन मंदिर के महंत एवं बीएचयू आईआईटी के प्रोफेसर विशंभर नाथ मिश्र ने बतौर मुख्य अतिथि कही।
समारोह का शुभारंभ प्रो. विश्वंभर नाथ मिश्र, विशिष्ट अतिथि साहित्यकार डॉ जयप्रकाश मिश्र, समाजसेवी सीपी जैन, विकलांग रंगकर्मी राजकुमार, सत्यांशु जोशी एवं रामयश मिश्र ने संयुक्त रुप से वीरांगना के चित्र पर माल्यार्पण करके किया। इस अवसर पर साहित्यकार डॉ जयप्रकाश मिश्र ने कविताओं के माध्यम से वीरांगना के चरणों में श्रद्धा सुमन अर्पित किया। कार्यक्रम संयोजक एवं जागृति फाउंडेशन के महासचिव रामयश मिश्र ने कहा कि उनकी पुण्यतिथि पर हम केंद्र और राज्य सरकार से मांग करते हैं की महारानी के नाम पर वीरांगना एक्सप्रेस चलाई जाए जो काशी से संचालित हो। कार्यक्रम का संचालन रामयश मिश्र ने किया व धन्यवाद विश्वनाथ यादव उर्फ छेदी यादव ने दिया। इस अवसर पर हरीनाथ गौड़, राजकुमार, राजेश मिश्रा, ज्ञानेंद्र पांडे जयप्रकाश मिश्र, सहित नगर के गणमान्य लोग उपस्थित थे।