CM ने की काशी से प्रबुद्ध सम्मेलन की शुरुआत, बोले कार्यों से पता चलता है नियत का पता, अब तक की सरकारें तय नहीं कर पाती थी विकास का विजन

CM ने की काशी से प्रबुद्ध सम्मेलन की शुरुआत, बोले कार्यों से पता चलता है नियत का पता, अब तक की सरकारें तय नहीं कर पाती थी विकास का विजन

वाराणसी, भदैनी मिरर। सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ एक दिवसीय दौरे पर काशी पहुंचे। सीएम पुलिस लाइन हैलीपैड से सर्किट हाउस पहुंचे। जहां उन्होंने जनप्रतिनिधियों और शासनिक-प्रशासनिक अधिकारियों संग विकास कार्यों, कानून व्यवस्था और कोरोना नियंत्रण को लेकर समीक्षा बैठक की। 

इसके बाद सीएम कैंट विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कमच्छा स्थित शिक्षा संकाय (बीएचयू) के सभागार पहुंचे।  उन्होंने प्रबुद्ध सम्मेलन का शुभारंभ करते हुए प्रबुद्धजनों संग संवाद किया। इसके साथ ही केंद्र व प्रदेश की भाजपा सरकार द्वारा जनता के हित में किये जा रहे कार्यों पर चर्चा की।

इस दौरान उन्होंने शिक्षक दिवस पर डा. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को स्मरण किया। उनके योगदान को नमन करते हुए शिक्षकों को सम्मानित किया। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि देश में 1947 से सरकारें चली आ रही हैं। इतने लम्बे समय बाद भी सरकार का विकास का विजन तय नहीं हो पाता था, अपने एक संकीर्ण एजेंडे के साथ सरकारें आती-जाती थीं। एक नेतृत्व वो था जिसने आज़ादी के तत्काल बाद सोमनाथ मंदिर के कार्य के शुभारंभ का विरोध किया था और एक नेतृत्व आज है जो अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण कार्य के लिए प्रत्यक्ष रूप से उपस्थित होकर 5 सदी के इंतजार को दूर कर गौरव की अनुभू ति कर रहा है।


यूपी निरन्तर प्रगति की राह पर

कहा कि उत्तर प्रदेश की छवि देश और दुनिया में बदली है। बीते साढ़े चार साल में समाज के सभी वर्ग के लोगों ने सहयोग किया और उसका परिणाम आज सामने है। हम निरतंर प्रगति की राह पर हैं और 5 साल बाद व्यापक बदलाव देखने को मिलेंगे। 2017 के पहले यूपी के बारे में लोगों की धारणा थी कि प्रदेश के अंदर रहने लायक माहौल नहीं है। लोगों की धारणा थी कि उत्तर प्रदेश में भ्रष्टाचार और माफियाओं का राज है। यहां के युवाओं को लोग यूपी का नाम सुनते ही बाहर का रास्ता दिखा देते थें। लेकिन पिछले साढ़े चार वर्षों में पीएम के विजन में जीस तरह से यूपी में कार्य हुए हैं उत्तर प्रदेश की कार्यशैली पर अब कोई प्रश्न चिन्ह नहीं खड़ा कर सकता। यह हमारी सबसे बड़ी उपलब्धि है। आज काशी, नई काशी के रूप में प्रस्तुत है। मां विंध्यवासिनी धाम योजना के साथ ही मथुरा आदि में जो योजनाएं लागू हो रही हैं उससे विश्व में भारत की प्रतिष्ठा बढ़ी है।

काशी बनी नया उदाहरण

सीएम ने कहा कि पूर्व की सरकारें संकीर्ण एजेंडे के साथ आती थीं, इसे काशी ने महसूस किया होगा। काशी एक नया उदाहरण जन्म से अंतिम यात्रा तक बनी है। यही विकास पूरे प्रदेश के विकास का आधार था। काशी में प्रवासी भारतीय दिवस पीएम के निर्देशन में मनाया गया था। प्रवासियों की इच्छा भारत में आने की होती थी लेकिन नहीं आ पाए। यह सौभाग्य पीएम ने दिया। हमने प्रवासी नगर बनाया, टेंट सिटी बनाया था। यह सबसे शानदार प्रवासी सम्मेलन था। पूर्व में राज्य की राजधानियों में होता था। काशी में जो हुआ वह प्रयाग राज कुम्भ में भी हुआ। शासन की योजनाओं से उसकी नीयत का पता चल जाता है। कुम्भ व प्रवासी सम्मेलन ने शासन की नीयत साफ कर दी। उतर प्रदेश ने चार वर्ष में पीएम के विजन को सार्थक किया। इसको बनाने में सभी का योगदान रहा। प्रदेश के बारे में अच्छी धारणा बनाई।

सहज तकनीक की करें खोज
 


उन्होंने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के बीच विचार करना होगा कि हम बच्चों को कैसे शिक्षा से जोड़ें। इसके लिए तकनीक की जरूरत है, लेकिन जिसके पास स्मार्ट फोन, टैबलेट नहीं हैं वह शिक्षा से कैसे जुड़ें। हम उन बच्चों के लिए सहज तकनीक की खोज करें। इसके लिए प्रयास करने की जरूरत है। शिक्षक ओपन स्कूल के माध्यम से शिक्षा दें। यह पुरातन गुरुकुल परंपरा रही है। ऐसी ही शिक्षण व्यवस्था की जरूरत है। हमारे पास अभी भी कई चुनौतियां हैं। उन चुनौतियां का सामना करने के लिए काशी का शिक्षक समाज आगे आए। विद्वत समाज हमेशा समाज को सकारात्मक ऊर्जा दे सकता है। काशी की यह ऊर्जा देश को नई ऊर्जा देगी।