रक्षामंत्री राजनाथ सिंह से मिले संपूर्णानंद के VC, सेना में धर्म गुरु के चयन में स्थायी समाधान को लेकर की चर्चा...
Sampoornanand VC met Defense Minister Rajnath Singh discussed about a permanent solution in the selection of religious leaders in the armyरक्षामंत्री राजनाथ सिंह से मिले संपूर्णानंद के VC, सेना में धर्म गुरु के चयन में स्थायी समाधान को लेकर की चर्चा...
वाराणसी,भदैनी मिरर। सैन्य मंत्रालय द्वारा संस्कृत विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों की शास्त्री की डिग्री को अमान्य घोषित कर दिया जाने के बाद छात्रों ने सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति से न्याय की गुहार लगा रहे। मामले को संज्ञान में लेते हुए वीसी प्रो. हरेराम त्रिपाठी ने रक्षा मंत्रालय को पत्रक लिखा था। उक्त प्रकरण को लेकर रविवार की सुबह कुलपति ने रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने दिल्ली स्थित उनके आवास पर मुलाकात की। वार्ता के दौरान वीसी ने रक्षा मंत्री से कहा कि, सेना में धर्म गुरु के चयन में शास्त्री को स्नातक मानते हुये उक्त परीक्षा मे बैठने की अनुमति(पूर्व की भांति) दी जाये। इसके साथ ही छात्र हित में स्थायी निराकरण और समाधान के लिये विस्तृत वार्ता हुई। उनके साथ संस्कृत भारती के अखिल भारतीय शास्त्र संरक्षण प्रमुख डॉ संजीव राय भी थे। वीसी प्रो. हरेराम ने बताया कि गत दिनों सेना में धर्म गुरु के चयन में आये शास्त्री के विद्यार्थियों के उपाधि पर तकनीकी व्यवधान को दूर करने के लिये राष्ट्र के रक्षामंत्री डॉ राजनाथ सिंह से उनके आवास पर मिलकर शास्त्री की डीग्री जो की यूजीसी के मानक में बीए(स्नातक) तथा आचार्य को एमए(स्नातकोत्तर) के उपाधि के समकक्ष मान्य है का सप्रमाण वार्ता हुई। जिसमे इसके पूर्व भी धर्म गुरु के पद पर यहाँ से शास्त्री उपाधि धारकों का चयन सेना में किया गया है। जिसमें जून 2021 मे आये इस व्यवधान के निराकरण पर भी वार्ता हुई। बताया कि रक्षा मंत्री से इस वार्ता के क्रम मे छात्रहित मे स्थायी समाधान या अध्यादेश जारी किये जाने का अश्वासन भी दिया।
भेंट किया बाबा का प्रसाद
वीसी ने रक्षामंत्री को बाबा विश्वनाथ का प्रसाद, भभूत व विश्वविद्यालय से प्रकाशित "सारस्वती सुषमा" का नवीन अंक भेंट कर छात्रहित में सार्थक वार्ता पर प्रसन्नता व्यक्त किया। कहा कि जब तक इसका स्थायी समाधान नहीं हो जाता तब तक इस सम्बंध में प्रयास जारी रहेगा तथा इस सम्बंध में देश के अन्य 17 संस्कृत विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के द्वारा भी रक्षा मंत्री को पत्र लिखने व स्थायी समाधान या अध्यादेश जारी करने का सहयोग लेंगे।