काशी को आज राष्ट्रपति भवन में मिला 3 पद्मश्री, सनातन परंपरा के संवाहक डोमराजा को मरणोपरांत मिला अलंकरण...

राष्ट्रपति द्वारा काशी से सम्मानित किए जाने वालों में काशी विद्वत परिषद के अध्यक्ष प्रो. रामयत्न शुक्ल, चंद्रशेखर सिंह और डोम राजा स्व. जगदीश चौधरी का नाम शामिल है।

काशी को आज राष्ट्रपति भवन में मिला 3 पद्मश्री, सनातन परंपरा के संवाहक डोमराजा को मरणोपरांत मिला अलंकरण...

वाराणसी,भदैनी मिरर। दिल्ली में राष्ट्रपति भवन में आयोजित दो दिवसीय सम्मान समारोह के दुसरे दिन यानी आज काशी की 3 हस्तियों को देश के चौथे प्रतिष्ठित नागरिक सम्मान पद्मश्री से सम्मानित किया गया। सम्मानित किए जाने वालों में काशी विद्वत परिषद के अध्यक्ष प्रो. रामयत्न शुक्ल, चंद्रशेखर सिंह और डोम राजा स्व. जगदीश चौधरी का नाम शामिल है।

संस्कृत जगत को समर्पित है सम्मान

भदोही जनपद के कोनिया क्षेत्र के कलातुलसी गांव के मूल निवासी और वाराणसी के शंकुलधारा पोखरा क्षेत्र में रहने वाले 89 वर्षीय काशी विद्वत परिषद के अध्यक्ष प्रो. रामयत्न शुक्ल आज भी विद्यार्थियों को बैठाकर संस्कृत व्याकरण के सूत्रों को समझाते रहते हैं। इसके बदले में किसी से किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लेते हैं। प्रो. शुक्ल BHU के संस्कृत विद्या धर्मविद्या संकाय में आचार्य के पद पर कार्यरत थे। वह सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय में व्याकरण विभाग के आचार्य और अध्यक्ष पद पर भी कार्यरत थे। प्रो. शुक्ल अष्टाध्यायी की वीडियो रिकार्डिंग करा कर युवा पीढ़ी को संस्कृत का ज्ञान देने का प्रयास करते रहते हैं। प्रो. रामयत्न शुक्ल को 2015 में संस्कृत भाषा के शीर्ष सम्मान विश्व भारती से सम्मानित किया गया था। वे संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए इस समय युवा स्नातकों को निशुल्क संस्कृत शिक्षा दे रहे हैं। प्रो. शुक्ल ने कहा कि बाबा विश्वनाथ और मां अन्नपूर्णा के आशीर्वाद से यह संस्कृत और संस्कृति की सेवा का फल है। जो भी सम्मान मिला वह बाबा विश्वनाथ के श्रीचरणों और संस्कृत जगत को समर्पित है।

महामना की बगिया से मिली सिख का है परिणाम

राजातालाब क्षेत्र के टड़िया गांव के रहने वाले विकासशील किसान चंद्रशेखर सिंह को कृषि क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए नागरिक सम्मान पद्मश्री से सम्मानित किया जाएगा। चंद्रशेखर सिंह ने बताया कि महामना मालवीय की बगिया से जो सीख और आशीर्वाद मिला यह सब उसी की देन है। उन्होंने बताया कि वह एक अरसे से किसानों की आय बढ़ाने और फसल की गुणवत्ता के क्षेत्र में काम कर रहे हैं। धान, गेहूं, चना और अरहर के बीजों पर लगातार प्रयोग कर किसानों तक पहुंचाया गया है। इससे उन्हें काफी लाभ मिला है। चंद्रशेखर सिंह ने बताया कि बीजों की नई किस्म पर काम करने के लिए यह पुरस्कार मिला है। नीलकंठ, बाबा विश्वनाथ, दामिनी और मयूरी जैसे बीजों की नस्ल काफी सफल रही है। क्षेत्र के कई किसानों और खासतौर से महिलाओं को इससे रोजगार भी मिला है। उन्होंने बताया कि इससे पहले साल 2013 में 1 लाख रुपए का पुरस्कार मिला था। साल 2010 में राष्ट्रपति पुरस्कार मिला था। 2008 में प्रगतिशील किसान अवार्ड मिला था। इसके अलावा भी प्रदेश और देश स्तर पर कई पुरस्कार मिले हैं। यह पुरस्कार सदैव अच्छा करने की प्रेरणा देते हैं।

पिता का सम्मान पुत्र ने किया ग्रहण

काशी के डोम राजा स्व. जगदीश चौधरी को मरणोपरांत पद्मश्री सम्मान से सम्मानित किया गया। डोम राजा के पुत्र ओम चौधरी राष्ट्रपति भवन में अपने पिता का पद्मश्री सम्मान ग्रहण किए। काशी की संस्कृति में रचे-बसे और यहां की सनातन परंपरा के संवाहक रहे त्रिपुरा भैरवी घाट के मूल निवासी जगदीश चौधरी का निधन 25 अगस्त 2020 को हुआ था। 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रस्तावक रहे डोम राजा वाराणसी के हरिश्चंद्र और मणिकर्णिका घाट पर अंतिम संस्कार कराने वाले लोगों के मुखिया थे। उन लोगों के बीच किसी भी विवाद की स्थिति में उनका ही निर्णय अंतिम माना जाता था। उन्हें पौराणिक राजा कालू डोम का उत्तराधिकारी माना जाता था। डोम राजा के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जैसी बड़ी शख्सियतों ने शोक जताते हुए काशी की अपूरणीय क्षति बताया था।