तालिबान के खिलाफ फूटा गुस्सा: अमेरिका और ब्रिटेन ने सही काम किया होता तो मजबूत न होते तालिबानी

तालिबान के खिलाफ फूटा गुस्सा: अमेरिका और ब्रिटेन ने सही काम किया होता तो मजबूत न होते तालिबानी

वाराणसी,भदैनी मिरर। अफगानिस्तान में लगातार मानवता का गला घोंट रहे तालिबानियों के खिलाफ अब गुस्सा फूटने लगा है। रविवार को हेमंत पीस आर्मी की ओर से लोगों ने प्रदर्शन कर 'वी नीड पीस' का नारा लगाया।

संस्था के हेमंत यादव ने कहा कि हथियार और हिंसा से हम कभी भी प्रजातंत्र अथवा लोकतंत्र की स्थापना नहीं कर सकते और न ही मानवाधिकारों की रक्षा कर सकते है। कहा की अमेरिका और ब्रिटेन ने जिस प्रकार शांति स्थापना के नाम पर अफगानिस्तान में वर्षो राज किया वो उनकी शांति स्थापना का पार्ट नहीं था। अगर शांति स्थापना का कार्य होता तो क्या एक दिन में या पांच दिन में तालिबान इतनी मजबूती के साथ नहीं उतरता। आज जिन हथियारों के बदौलत तालिबान सम्पूर्ण पर अफगानिस्तान कब्ज़ा करने के लिए बढ़ रहा है वो साधारण हथियार नहीं है। 

  
चीन 'रूफ ऑफ द वर्ल्ड' पर बैठ कर हमें आंखे दिखा रहा है। आज तालिबान अफ़ग़ानिस्तान में प्रवेश कर गया है जो कल हमें भी आँखे दिख सकता हैं। तालिबान की अर्थ व्यवस्था पूर्ण रूप से अफीम के व्यापार पर आधारित है। अफ़ग़ानिस्तान पुरे विश्व में अफीम उत्पादन में नंबर एक है। पूरा अफीम व्यापार का बड़ा हिस्सा इन्ही हथियारों की खरीद फरोख्त में किया जाता है। अगर हम आज तालिबान को मान्यता प्रदान कर देते है तो मानवता का अस्तित्व मिटते देर नहीं लगेगी।