मां के जयकारे से गूंज उठा बंगाल : पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक संदेशों पर आधारित थीम पर बने पूजा पंडाल
इस बार कोलकाता के पंडालों को भव्य तरीके से सजाया गया है. पंडाल आयोजकों ने विधवा पुनर्विवाह, 8000 पौधों से बना इको फ्रेंडली पंडाल, स्विटजरलैंड का संसद भवन जैसे कई विशेष थीम और कलाकृतियों पर पंडालों और मूर्तियों को भव्यता से तैयार किया गया है. आइए इस साल कोलकाता के प्रमुख पूजा पंडालों पर एक नज़र डालते हैं:
कोलकाता, भदैनी मिरर। इस समय पूरे देश में दुर्गा पूजा की धूम है. खासकर पश्चिम बंगाल में इस पर्व पर एक अलग उत्साह और उमंग देखने को मिलता है. क्योंकि यहां की दुर्गा पूजा सबसे खास मानी जाती है. यहां की दुर्गा पूजा के दौरान विशेष थीम पर आधारित पंडाल आकर्षक के केंद्र होते हैं और उनके चर्चे देश ही नहीं विदेश में भी होते हैं. इस बार भी यहां के पंडालों को भव्य तरीके से सजाया गया है. पंडाल आयोजकों ने विधवा पुनर्विवाह, 8000 पौधों से बना इको फ्रेंडली पंडाल, स्विटजरलैंड का संसद भवन जैसे कई विशेष थीम और कलाकृतियों पर पंडालों और मूर्तियों को भव्यता से तैयार किया गया है. आइए इस साल कोलकाता के प्रमुख पूजा पंडालों पर एक नज़र डालते हैं:
काशी बोस लेन
उत्तर कोलकाता में स्थित काशी बोस लेन का दुर्गा पूजा पंडाल हर साल बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है. इस साल की थीम 'रत्नगर्भा' है, जो विधवा पुनर्विवाह पर आधारित है. यह पंडाल अपने उद्घाटन के बाद से ही लोगों की दिलचस्पी का केंद्र बना हुआ है.
66 पल्ली
66 पल्ली की दुर्गा पूजा इस साल 74 वर्षों का सफर पूरा कर रही है. इस बार पंडाल की सजावट रसोई में इस्तेमाल होने वाले खड़े मसालों से की गई है, जो इसकी खासियत है. थीम का नाम 'सात काहन' रखा गया है, जो रोजमर्रा की साधारण चीजों को दर्शाता है.