काशी में दिखी मिनी बंगाल की झलक : कहीं वृंदावन का प्रेम मंदिर, तो कहीं आदियोगी शिव की थीम पर सजे भव्य पंडाल

वाराणसी में इस साल दुर्गा पूजा का उत्सव न सिर्फ धार्मिक बल्कि सांस्कृतिक धरोहर की जीवंत तस्वीर भी प्रस्तुत कर रहा है, जहां श्रद्धालु मां दुर्गा के जयकारों के बीच भक्ति और आस्था में डूबे हुए हैं. आइए एक नजर डालते है वाराणसी के प्रमुख पूजा पंडालों पर..

काशी में दिखी मिनी बंगाल की झलक : कहीं वृंदावन का प्रेम मंदिर, तो कहीं आदियोगी शिव की थीम पर सजे भव्य पंडाल

रिपोर्ट -तनीषा श्रीवास्तव

वाराणसी, भदैनी मिरर। महादेव की नगरी शक्ति की भक्ति में सराबोर है. सप्तमी तिथि से ही पूजा पंडालों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है. पूरी काशी नगरी में मिनी बंगाल की झलक देखने को मिल रही है. हर गली-चौराहे आकर्षक लाइट व झालरों से जगमग हो रहे है. पूजा समितियों द्वारा कहीं आदियोगी शिव तो कहीं पंडालों में वृंदावन के प्रेम मंदिर की तर्ज पर पंडाल का निर्माण किया गया है. वाराणसी में इस साल दुर्गा पूजा का उत्सव न सिर्फ धार्मिक बल्कि सांस्कृतिक धरोहर की जीवंत तस्वीर भी प्रस्तुत कर रहा है, जहां श्रद्धालु मां दुर्गा के जयकारों के बीच भक्ति और आस्था में डूबे हुए हैं. आइए एक नजर डालते है वाराणसी के प्रमुख पूजा पंडालों पर..

शिवपुर मिनी स्टेडियम में भव्य प्रेम मंदिर

श्री श्री दुर्गा पूजा समिति द्वारा इस बार शिवपुर मिनी स्टेडियम में वृंदावन के प्रेम मंदिर की तर्ज पर एक विशाल पंडाल का निर्माण किया गया है. यह पंडाल 100 फीट ऊंचा और 75 फीट चौड़ा है, जिसमें 13-14 फीट ऊंची मां दुर्गा की भव्य प्रतिमा स्थापित की गई है. पंडाल के बाहर राधा-कृष्ण और गोपियों की आकर्षक मूर्तियां भक्तों को मंत्रमुग्ध कर रही हैं.

समिति के अध्यक्ष, सुशांत जायसवाल ने बताया कि 1981 में स्थापित इस समिति ने पिछले वर्ष अयोध्या के राम मंदिर की शैली में पंडाल सजाया था. इस वर्ष बंगाल के कुशल कारीगरों द्वारा बांस, कपड़े, थर्माकोल और बल्ली से प्रेम मंदिर जैसा सुंदर पंडाल तैयार किया गया है. पंडाल की दीवारों पर राधा-कृष्ण की तस्वीरें सजाई गई हैं, जो इसे और भी आकर्षक बनाती हैं.

आदियोगी शिव का भव्य पंडाल

जैतपुरा के बागेश्वरी देवी मंदिर मैदान में इस बार 70 फीट ऊंचे आदियोगी शिव की तर्ज पर एक भव्य पंडाल का निर्माण किया गया है. दुर्गा पूजा समिति के अध्यक्ष राजन जायसवाल ने बताया कि जिसमें 20 फीट ऊंची मां दुर्गा की फाइबर की प्रतिमा स्थापित है. इस पंडाल के निर्माण में लगभग 4-5 महीने का समय लगा और इसके लिए कोलकाता से कारीगरों को बुलाया गया था.

इस पंडाल में श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा गया है. यहां चार प्रवेश और निकास द्वार बनाए गए हैं, ताकि भीड़ को नियंत्रित किया जा सके. इसके अलावा, दुर्गा पूजा के दौरान हर दो से तीन मिनट का एक आकर्षक लेजर शो भी दिखाया जा रहा है, जो दर्शकों का प्रमुख आकर्षण बन गया है.

मच्छोदरी में महाकालेश्वर की झलक

मच्छोदरी स्थित बाबा मच्छोदरानाथ दुर्गोत्सव समिति ने इस बार उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर की तर्ज पर पंडाल सजाया है. इस पंडाल में 12 ज्योतिर्लिंग भी बनाए गए हैं, जो इसे विशेष रूप से आकर्षक बनाते हैं. इस भव्य पंडाल का निर्माण कोलकाता के कुशल कारीगरों की मदद से किया गया है और इसे बनाने में लगभग 2 महीने का समय लगा. पंडाल की कुल लागत करीब 12 लाख रुपये आंकी गई है.