IMS-BHU को मिलेगी एम्स जैसी सुविधाएं, बोले प्रो. डॉ. ओम शंकर- दशकों के संघर्ष का परिणाम है...
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के अस्पताल को एम्स की तर्ज पर विकसित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया गया है। बीएचयू स्थित चिकित्सा विज्ञान संस्थान, भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, शिक्षा मंत्रालय और प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत एम्स के निर्माण के लिए त्रिपक्षीय एमओयू पर हस्ताक्षर किए गया है।
वाराणसी: काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के अस्पताल को एम्स की तर्ज पर विकसित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया गया है। बीएचयू स्थित चिकित्सा विज्ञान संस्थान, भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, शिक्षा मंत्रालय और प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत एम्स के निर्माण के लिए त्रिपक्षीय एमओयू पर हस्ताक्षर किए गया है। इसी क्रम में सर सुंदरलाल अस्पताल के कार्डियोलॉजी विभाग के प्रोफेसर डॉ. ओम शंकर सिंह ने प्रेस कांफ्रेस कर कहा कि यह उपलब्धि दशकों के संघर्ष का परिणाम है।
डॉ. ओम शंकर ने कहा कि पिछले डेढ़ दशक से हम काशी में एम्स की स्थापना के लिए निरंतर संघर्ष कर रहे हैं। इस दौरान चार बार आमरण अनशन किया, 14 महीने सस्पेंड रहे, नजरबंदी झेली और हाल ही में 21 दिनों तक लगातार आमरण अनशन भी किया। आखिरकार, सरकार ने इस मुहिम को सकारात्मक रूप से समझा, जिसके लिए सरकार धन्यवाद की पात्र है।
उन्होंने कहा कि काशी न केवल धर्म की राजधानी रही है, बल्कि शिक्षा का भी प्रमुख केंद्र है। यदि देश में कहीं सबसे पहले एम्स की स्थापना होनी चाहिए थी, तो वह काशी में होनी चाहिए थी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इसी कारण, हम लंबे समय से इसके लिए प्रयासरत थे।
बता दें कि, नई दिल्ली में स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा, शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान और काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन की उपस्थिति में शुक्रवार को इस एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। डॉ. ओम शंकर सिंह ने इस विकास को एक बड़ी सफलता के रूप में देखा और कहा कि बीएचयू अब एम्स बनने की दिशा में अग्रसर है। उन्होंने इस पर संतुष्टि व्यक्त की कि बीएचयू अब एम्स बनने की ओर बढ़ रहा है, हालांकि यह प्रक्रिया धीरे-धीरे ही सही, लेकिन सही दिशा में चल रही है।
डॉ. ओम शंकर सिंह ने यह भी बताया कि पहले भी एम्स के निर्माण के लिए प्रयास किए गए थे, लेकिन प्रशासनिक अड़चनों के कारण काम नहीं हो सका। अब, भाजपा सरकार के तहत यह कदम सही दिशा में उठाया गया है, जिससे काशी में जल्द ही एम्स की सुविधा मिल सकती है।
उन्होंने कहा, यह एमओयू बीएचयू अस्पताल को एक नया रूप देने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हो सकता है और यह आने वाले दिनों में काशीवासियों के लिए स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण बदलाव ला सकता है।