सारनाथ में दस दिनी प्रशिक्षण शिविर का आयोजन, फ्रांस और इटली के शिक्षक समेत भारत के कई राज्यों के शिक्षक हुए शामिल

भगवान गौतम बुद्ध की उपदेश स्थली सारनाथ में एलिस प्रोजेक्ट यूनिवर्सल एजुकेशन द्वारा दस दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया, इसमें इटली, फ्रांस सहित भारत के कई राज्यों से आए शिक्षक शामिल हुए

सारनाथ में दस दिनी प्रशिक्षण शिविर का आयोजन, फ्रांस और इटली के शिक्षक समेत भारत के कई राज्यों के शिक्षक हुए शामिल

वाराणसी, भदैनी मिरर। भगवान गौतम बुद्ध की उपदेश स्थली सारनाथ में एलिस प्रोजेक्ट यूनिवर्सल एजुकेशन द्वारा दस दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया, इसमें इटली, फ्रांस सहित भारत के कई राज्यों से आए शिक्षक शामिल हुए. दस दिनों तक चले प्रशिक्षण शिविर में भारत की शिक्षा प्रणाली और चुनौतियों सहित भारतीय पारंपरिक ज्ञान पर चर्चा की गई. 

विदेश से आए शिक्षकों ने अपने देश की शिक्षा पद्धति और वहां कि चुनौतियों के बारे में बताया, तो वहीं भारतीय शिक्षा पद्धति और विदेश की शिक्षा पद्धति की तुलना की. दस दिनों तक तमाम विषयों पर संगोष्ठी के दौरान चर्चा के बाद सभी विदेशी शिक्षको को समापन सत्र में प्रमाण पत्र वितरित किया गया.

समापन सत्र में  मुख्य प्रशिक्षक और एलिस प्रोजेक्ट के संस्थापक वैलेन्तीनो जियाकोमिन ने कहा कि आज पूरे विश्व के सामने अनेक चुनौतियां हैं. शिक्षा के क्षेत्र में भी नई चुनौतियां हैं जिसका समाधान भारतीय पारंपरिक ज्ञान में अद्वैतवादी दर्शन के सिद्धांतों में है. विश्व को भारत  और यहां के पारंपरिक शिक्षण संस्थान रास्ता दिखा सकते हैं.

इस विषय में विगत दिनों संस्कृत विश्वविद्यालय में एक संगोष्ठी भी आयोजित की गई थी. इस शिक्षक प्रशिक्षण के माध्यम से इस शिक्षा पद्धति को अधिक से अधिक विद्यार्थियों तक पहुंचाने का प्रयास किया जाएगा.

दस दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में तारा मंदिर के प्रबंधक टासी ढंढुप भुटिया और विदेश से प्रतिभागियों ने संबोधित किया करते हुए अनुभव बताया. कार्यक्रम का संचालन और धन्यवाद ज्ञापन प्रधानाचार्य अवनीश मिश्र ने किया. इस अवसर पर अरुण शुक्ला, सुधाकर प्रसाद, सुनील पाण्डेय तथा शिक्षक व विद्यार्थी उपस्थित रहे.