आचार्य सीताराम चतुर्वेदी महिला महाविद्यालय में बोले वक्ता-बच्चों में कल्पनाशीलता आवश्यक...

आचार्य सीताराम चतुर्वेदी महिला महाविद्यालय डोमरी रामनगर में चल रहे सात दिवसीय कला कार्यशाला "अभिव्यक्ति " के तीसरे दिन मुख्य अतिथि डॉ. सत्य प्रकाश पांडेय एवं चंदन रहे

आचार्य सीताराम चतुर्वेदी महिला महाविद्यालय में बोले वक्ता-बच्चों में कल्पनाशीलता आवश्यक...

वाराणसी,भदैनी मिरर। आचार्य सीताराम चतुर्वेदी महिला महाविद्यालय डोमरी रामनगर में चल रहे सात दिवसीय कला कार्यशाला "अभिव्यक्ति " के तीसरे दिन मुख्य अतिथि डॉ. सत्य प्रकाश पांडेय एवं चंदन रहे. मुख्य अतिथि डॉ. सत्य प्रकाश पांडेय ने कहा कि कला के किसी भी अंग के लिए कल्पनाशीलता आवश्यक है. अतः बच्चे सृजनशील कल्पना करें. अध्यक्षीय संबोधन में महाविद्यालय की निदेशक प्रो. कल्पलता पांडेय, पूर्व कुलपति, जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय, बलिया उत्तर प्रदेश ने कहा कि कला प्रकृति के हर रूप में है, आवश्यकता है उससे जुड़ने एवं उसे पहचानने की। उन्होंने कहा कि कला का उद्देश्य सृजनशीलता होता है.

कार्यक्रम का संचालन दिव्या सिंह ने किया. कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन करते हुए राहुल कुमार चौधरी ने कहा कि प्रबंधन और विश्वविद्यालय की इस प्रकार की कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य छात्राओं को रचनात्मक दिशा देता है. कार्यक्रम में प्रमुख रूप से प्राचार्य डॉ. अरुण कुमार दुबे, डॉ. सुनीति गुप्ता, डॉ. रजनी श्रीवास्तव आदि शिक्षक शिक्षिकाएं मौजूद रहे. छात्राओं ने आज कार्यशाला में बढ़-चढ़कर भाग लिया.