BHU में उर्दू विभाग के पोस्टर पर अल्लामा इकबाल मसउदी की तस्वीर पर हंगामा, विरोध के बाद बैकफुट पर आया विश्वविद्यालय मांगी माफी, HOD को जारी हुआ नोटिस 3 दिन में जांच कमेटी देगी रिपोर्ट...

इस पूरे प्रकरण को लेकर ट्वीटर सहित अन्य सोशल साइट्स पर जब विरोध शुरु हुआ तो बिना देर किए डीन ऑफ आर्ट्स विजय बहादुर सिंह ने माफी मांग ली है। ट्वीटर पर महामना के साथ की तस्वीर लगी फोटो लगाकर पोस्ट करते हुए लिखा गया है कि "उर्दू विभाग, कला संकाय, बीएचयू, पोस्टर में दिए गए विवरण के अनुसार एक वेबिनार का आयोजन कर रहा है।

BHU में उर्दू विभाग के पोस्टर पर अल्लामा इकबाल मसउदी की तस्वीर पर हंगामा, विरोध के बाद बैकफुट पर आया विश्वविद्यालय मांगी माफी, HOD को जारी हुआ नोटिस 3 दिन में जांच कमेटी देगी रिपोर्ट...
BHU के उर्दू विभाग द्वारा जारी बिना महामना के तस्वीर की पोस्टर, विवाद के बाद माफी के साथ ट्वीट किया गया संस्थापक के तस्वीर के साथ पोस्टर।

वाराणसी,भदैनी मिरर। काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के उर्दू विभाग द्वारा 'उर्दू दिवस' पर जारी पोस्टर को लेकर विवाद हो गया है। विभाग द्वारा आयोजित वेबिनार के लिए बनाए गए डिजिटल आमंत्रण में विश्वविद्यालय के संस्थापक भारतरत्न पंडित मदनमोहन मालवीय जी की तस्वीर हटाने के बाद छात्रों में जबरदस्त आक्रोश है। छात्रों ने सोशल मीडिया पर जबरदस्त आक्रोश व्यक्त करते हुए कार्यवाही की मांग की है। विश्वविद्यालय की परंपरा में अब तक छपने वाले पोस्टर में एक किनारे विश्वविद्यालय का लोगो तो दूसरी तरह संस्थापक की तस्वीरें लगती रही है, लेकिन उर्दू विभाग के इस पोस्टर में महामना की तस्वीर की जगह पर पाकिस्तान के कवि और शायर अल्लामा इकबाल मसउदी की तस्वीर लगा दी गई है, सोशल मीडिया पर वायरल होते ही उर्दू विभाग बैक फुट पर आया और माफी मांगने लगा है।

 डीन से मिलकर छात्रों ने दर्ज कराई आपत्ति

पोस्टर की जानकारी मिलते ही बीएचयू के छात्र आक्रोशित हो गए। शोध छात्र पतंजलि पांडेय और गूँजेश गौतम के साथ एक दर्जन छात्र डीन ऑफ आर्ट्स विजय बहादुर सिंह से मुलाकात की। आपत्ति दर्ज करवाते हुए छात्रों ने कहा कि काशी हिंदू विश्वविद्यालय के अंदर महामना से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। घोर आपत्तिजनक कृत्य करने वाले के विरुद्ध अबिलम्ब कार्यवाही हो। पतंजलि पांडेय ने बताया कि इससे पहले भी भूगोल विभाग की महिला प्रोफेसर ने भारत के नक्शे को गलत दिखाया गया था। उर्दू विभाग ऐसी सोच में चार कदम आगे चला गया है। उर्दू विभाग के किसी कार्यक्रम में कुलगीत भी नही गया जाता है। उर्दू दिवस के कार्यक्रम के आमन्त्रण पत्र पर महामना की तस्वीर न लगा के ये सोच समझ कर ऐसा कार्य किया गया है। बीएचयू के उर्दू विभाग में जिन्ना वादी लगातार हावी होती जा रही है। आप का जिस संस्थान के अंदर विभाग है उसके परम्पराओ का निर्वाहन न करना यही दिखाता है।

विरोध के बाद ट्वीटर पर मांगी माफी

इस पूरे प्रकरण को लेकर ट्वीटर सहित अन्य सोशल साइट्स पर जब विरोध शुरु हुआ तो बिना देर किए डीन ऑफ आर्ट्स विजय बहादुर सिंह ने माफी मांग ली है। ट्वीटर पर महामना के साथ की तस्वीर लगी फोटो लगाकर पोस्ट करते हुए लिखा गया है कि "उर्दू विभाग, कला संकाय, बीएचयू, पोस्टर में दिए गए विवरण के अनुसार एक वेबिनार का आयोजन कर रहा है। सोशल मीडिया पर वायरल हुए पहले के पोस्टर में अनजाने में हुई गलती के लिए ईमानदारी से माफी।"

उधर, पीआरओ डॉ. राजेश सिंह ने बताया कि उर्दू विभाग के विभागाध्यक्ष आफताब अहमद को नोटिस जारी किया गया है। इस संबंध में तथ्यों की जांच के लिए विभागाध्यक्ष अंग्रेजी विभाग प्रो. के. एम. पांडेय की अध्यक्षता में एक जांच समिति गठित की गई है। प्रो. बिमलेन्द्र कुमार, विभागाध्यक्ष, पाली एवं बौद्ध अध्ययन विभाग, समिति के सदस्य एवं सहायक कुलसचिव, कला संकाय, समिति के सदस्य सचिव होंगे। समिति अपने गठन के तीन कार्य दिवसों के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।