Gandhi Jayanti : आजाद भारत का दृष्टिकोण महात्मा गांधी के चश्मे से, जानें बापू के 'गोल ऐनक' की दिलचस्प कहानी

आज गांधी जयंती के खास अवसर पर हम आपको महात्मा गांधी के चश्मे के पीछे छिपी कहानी से रूबरू कराएंगे, जो दुनियाभर में एक ट्रेंड बन गई.

Gandhi Jayanti : आजाद भारत का दृष्टिकोण महात्मा गांधी के चश्मे से, जानें बापू के 'गोल ऐनक' की दिलचस्प कहानी

ऐनक पहनें लाठी पकड़े चलते थे वो शान से, 
जालिम कांपे थर-थर थर-थर सुनकर उनका नाम रे....

स्वच्छ भारत अभियान के प्रतीक चिन्ह पर आपको महात्मा गांधी का गोल ऐनक दिखाई देता होगा। बापू का यह चश्मा सिर्फ एक साधारण वस्तु नहीं है, बल्कि गांधी जी के दूरदर्शी चिंतन, परोपकार, और सादगी का प्रतीक माना जाता है. इस चश्मे से जुड़ी कहानी न केवल रोचक है, बल्कि गांधी जी के जीवन और उनके विचारों के कई पहलुओं को उजागर करती है. आज गांधी जयंती के खास अवसर पर हम आपको इस चश्मे के पीछे छिपी कहानी से रूबरू कराएंगे, जो दुनियाभर में एक ट्रेंड बन गई.

गांधी जी ने कब खरीदा था अपना चश्मा?

गांधी जी ने यह चश्मा 1890 के दशक में लंदन में कानून की पढ़ाई के दौरान खरीदा था. हालांकि, इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है कि उन्होंने पतले लेंस वाले इस चश्मे को क्यों चुना, लेकिन कहा जाता है कि यह चश्मा उस समय के फैशन में था और इसे पहनने से गांधी जी की सादगी भी झलकती थी.

आज़ाद भारत का दृष्टिकोण गांधी जी के चश्मे से

1930 के दशक में, गांधी जी ने कर्नल एचएस श्रीदीवान नवाब को अपना चश्मा सौंपते समय कहा था कि इस चश्मे ने उन्हें स्वतंत्र भारत का दृष्टिकोण दिया था. एक रिपोर्ट के अनुसार, कर्नल ने गांधी जी से प्रेरणा देने वाली उनकी सबसे प्रिय वस्तु मांगी थी और गांधी जी ने अपना चश्मा दिया था.

गांधी जी ने हमेशा इसी चश्मे को क्यों पहना?

यह स्पष्ट नहीं है कि गांधी जी ने इस चश्मे को कब तक अपने साथ रखा, लेकिन माना जाता है कि वही चश्मा उन्होंने कर्नल नवाब को दिया था. जब गांधी जी दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटे, तो कई बार उन्हें बिना चश्मे के देखा गया, लेकिन 1920 के बाद से उन्होंने इसे हमेशा पहना. उनके विचारों और आंदोलनों की बढ़ती लोकप्रियता के साथ-साथ यह चश्मा उनके चिंतन और सहिष्णुता का प्रतीक बन गया.

गांधी जी का चश्मा बना एक वैश्विक फैशन ट्रेंड

2018 की एक रिपोर्ट के अनुसार, गांधी स्टाइल के गोल लेंस वाले धातु के फ्रेम वाले चश्मे का डिज़ाइन एक बार फिर से दुनिया भर में लोकप्रिय हो गई. बड़े चश्मा निर्माता अब इस स्टाइल में रुचि ले रहे हैं और इसे "विंटेज स्टाइल" का नाम दिया गया है. प्रसिद्ध पात्र जैसे हैरी पॉटर और वेल्मा में भी गांधी स्टाइल चश्मे को देखा जा सकता है.

गांधीवादी विचारधारा को चश्मे के माध्यम से अपनाने वाली हस्तियां

बीटल्स के प्रसिद्ध गायक जॉन लेनन गांधी जी से काफी प्रभावित थे और उन्होंने सत्याग्रह और अहिंसक आंदोलनों में भाग लिया था. उन्होंने गांधी स्टाइल के चश्मे को लंबे समय तक अपनाए रखा. उनके अलावा स्टीव जॉब्स ने भी इसी स्टाइल के चश्मे को अपनाया था.

गांधी के गोल चश्मे का उपयोग

तकनीकी क्षेत्र में भी गांधी जी के सिद्धांतों के साथ उनके प्रतीकों का उपयोग किया जा रहा है. लगभग 14 साल पहले लियो बर्नेट इंडिया ने देवनागरी फोंट्स का विकास किया, जिसमें गांधी जी के गोल चश्मों से प्रेरणा ली गई थी. इन फोंट्स की बनावट गांधी जी के चश्मे के गोल लेंस से प्रेरित है.