पूर्वोत्तर रेलवे के वरिष्ठ इंजीनियर को CBI ने घूसखोरी के आरोप में किया गिरफ्तार, घर से लाखों की आभूषण व नगदी बरामद
सीबीआई लखनऊ की टीम ने मंगलवार को पूर्वोत्तर रेलवे के मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय, लहरतारा में तैनात वरिष्ठ मंडल अभियंता (सीनियर डीईएन-टू) सत्यम कुमार सिंह को दो लाख रुपये रिश्वत मांगने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है.
वाराणसी, भदैनी मिरर। सीबीआई लखनऊ की टीम ने मंगलवार को पूर्वोत्तर रेलवे के मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय, लहरतारा में तैनात वरिष्ठ मंडल अभियंता (सीनियर डीईएन-टू) सत्यम कुमार सिंह को दो लाख रुपये रिश्वत मांगने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया. आरोपी अधिकारी के लखराव स्थित अपार्टमेंट से नकदी, आभूषण और अन्य लग्जरी सामान जब्त किए गए.
सीबीआई ने मिर्जापुर के चुनार में स्थित सत्यम कुमार सिंह के घर की भी तलाशी ली, जहां से करीब साढ़े छह लाख रुपये नकद और कई प्रॉपर्टी के दस्तावेज बरामद किए गए. रेलवे प्रशासन ने देर रात सत्यम कुमार सिंह को निलंबित कर दिया. आरोप है कि सत्यम ने थावे-छपरा रेलवे ट्रैक के चार करोड़ रुपये के टेंडर के लिए दो लाख रुपये की घूस मांगी थी.
शिकायत रेलवे के एक ठेकेदार द्वारा की गई थी, जिसके आधार पर सीबीआई ने कार्रवाई की। ठेकेदार महेंद्र सिंह जो गोरखपुर के रहने वाले हैं, ने आरोप लगाया कि सत्यम ने 25 जुलाई 2024 को दो टेंडर पास किए थे, जिनकी कुल लागत करीब चार करोड़ रुपये थी, और इसके बदले उन्होंने रिश्वत की मांग की. घूस न देने पर सत्यम ने काम में रुकावट डालने और भविष्य में बिल पास न करने की धमकी दी थी। जांच के बाद सीबीआई ने उन्हें डीआरएम कार्यालय से गिरफ्तार कर लिया.
नकदी और आभूषणों की बरामदगी
सीबीआई की टीम ने सत्यम कुमार सिंह के वाराणसी स्थित फ्लैट से नकदी और आभूषण बरामद किए.अधिकारी के निजी बैंक खाते और लॉकर की भी जांच की जा रही है। जांच टीम रात में मिर्जापुर के चुनार स्थित उनके घर पहुंची, जहां से साढ़े छह लाख रुपये नकद मिले.
प्रभावशाली अधिकारी की गिरफ्तारी से हलचल
2006 बैच के इंडियन रेलवे इंजीनियरिंग सर्विस के अधिकारी सत्यम कुमार सिंह की गिरफ्तारी ने डीआरएम कार्यालय में हलचल मचा दी है. कुछ कर्मचारियों का मानना है कि यह गिरफ्तारी साजिश के तहत की गई है, जबकि अन्य इसे न्यायोचित मान रहे हैं. सत्यम कुमार सिंह अपने रुतबे के कारण निजी अंगरक्षकों के साथ सफर करते थे और कई बार उच्चाधिकारियों के आदेशों को भी नजरअंदाज कर चुके थे.
अन्य अधिकारियों की भूमिका की जांच
सीबीआई एक और इंजीनियर की भूमिका की भी जांच कर रही है, जिसे सत्यम के घूसखोरी मामलों में शामिल माना जा रहा है. इस अधिकारी पर आरोप है कि वह सत्यम को टेंडर पास करने और रोकने में मदद करता था.
पहले भी हो चुकी हैं गिरफ्तारियां
यह पहली बार नहीं है जब सीबीआई ने रेलवे के किसी अधिकारी को रिश्वत के आरोप में गिरफ्तार किया हो. इससे पहले 16 सितंबर 2022 को बरेका के सीनियर सिविल इंजीनियर ओमप्रकाश सोनकर को तीन लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया था.