जल निगम के ठेकेदारों ने सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ दिया धरना, कहा बेरोजगार हुए सैकड़ो मजदूर, सौंपा 6 सूत्रीय ज्ञापन...
वाराणसी,भदैनी मिरर। जल जीवन मिशन के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल के लिए कम्पनीयों को पूरे जनपद का एक साथ कार्य आवंटित करने के विरोध में जल निगम ठेकेदार संघर्ष समिति के बैनर तले जलनिगम ठेकेदारों ने नदेसर स्थित कार्यालय पर धरना प्रदर्शन किया। ठेकेदारों ने प्रदर्शन के दौरान मुख्यमंत्री को सम्बोधित 6 सूत्रीय ज्ञापन भी जिलाधिकारी के प्रतिनिधि को सौंपा।
इस दौरान उन्होंने कहा कि सरकार की गलत नीतियों के चलते जल निगम के लगभग 40 हजार ठेकेदार एवं उनसे जुड़े लाखों कुशल, अकुशल श्रमिक बेरोजगार हो गये हैं।जल जीवन मिशन के समस्त कार्य एलएण्डटी जैसी बड़ी कम्पनी को विभागीय दर से मात्र 0.14 प्रतिशत कम दर पर दे दिया गया है। जबकि खुली निविदा में अगर स्थानीय ठेकेदारों को सम्मिलित किया जाता तो प्रतिस्पर्धा के कारण ये दरें लगभग 10 प्रतिशत तक कम रहती है।
उन्होंने बताया कि पूर्व में स्थानीय ठेकेदारों द्वारा जो निविदाएं डाली गयी थी वो प्रतिस्पर्धा के कारण विभागीय दर से लगभग 7 से 10 प्रतिशत तक कम दरों पर थी। जबकि पूरे प्रदेश में एलएण्डटी, टीसीइएल, एनसीसी लिमिटेड आदि जैसी बडी कंपनियों को स्टीमेट बनाने से लेकर समस्त कार्य सौंप दिया गया है। इन कंपनियों द्वारा विभागीय दरों की तुलना में अनुमानित लागत से लगभग 20 से 30 प्रतिशत अधिक दरों पर स्टीमेट बनाकर 0.02 से 0.20 प्रतिशत कम पर कार्य आवंटित करा लिया गया। जबकि स्थानीय ठेकेदारों को इन कार्यों में सम्मिलित किया जाता तो विभागीय दर से प्रतिस्पर्धा करते तो 20 से 30 प्रतिशत की अतिरिक्त बचत होती।
विगत वर्षो में वर्ल्ड बैंक एवं अन्य ग्रामीण पेयजल योजना के अन्तर्गत समूह ग्राम एवं एकल ग्राम योजनाओं की निविदा स्थानीय ठेकेदारों द्वारा 5 से 10 प्रतिशत तक कम दरों पर प्राप्त कर स-समय पूर्ण किया गया है। जल जीवन मिशन अन्तर्गत ग्रामीण पेयजल योजनाओं में यदि स्थानीय ठेकेदार सम्मिलित होते और विभागीय दर से 10 प्रतिशत पर कार्य करते तो विभाग व सरकार की करोड़ों रूपये का नुकसान न उठाना पड़ता। इस दौरान मयंक सिंह, राधेश्याम गोयल, शैलेन्द्र कुमार सिंह, सत्येंद्र सिंह, महेंद्र प्रसाद, कमलेश सिंह, सत्येंद्र नारायण, पप्पू पाण्डेय सहित दर्जनों की संख्या में ठेकेदार मौजूद रहे।