मुख्तार के असलहा लाइसेंस के धोखाधड़ी मामले में कोर्ट में हुई सुनवाई, 16 जनवरी को बचाव पक्ष करेगा बहस...
माफिया मुख्तार अंसारी पर दोनाली बंदूक लेने के लिए धोखाधड़ी करने के आरोप में विशेष न्यायाधीश (एमपी-एमएलए) अवनीश गौतम की अदालत में सुनवाई हुई.
वाराणसी, भदैनी मिरर। माफिया मुख्तार अंसारी पर दोनाली बंदूक लेने के लिए धोखाधड़ी करने के आरोप में विशेष न्यायाधीश (एमपी-एमएलए) अवनीश गौतम की अदालत में सुनवाई हुई. इस दौरान मुख्तार अंसारी बांदा जेल से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए जुड़ा रहा. जबकि कोर्ट में उसके अधिवक्ता श्रीनाथ त्रिपाठी, आदित्य वर्मा और राकेश मिश्रा मौजूद रहे. कोर्ट ने बचाव पक्ष की बहस के लिए 16 जनवरी की तिथि नियत कर दी. वहीं मुख्तार की ओर से बांदा जेल से लिखित बयान जेल अधीक्षक के जरिये कोर्ट में भेजा गया। कहा गया कि इस मामले में साजिश करने का आरोप है.
सीबीसीआईडी के अभियोजन अधिकारी उदय राज शुक्ल और एडीजीसी विनय कुमार सिंह ने बहस की. कहा कि इस मामले में सुनवाई के दौरान प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव और डीजीपी ने बयान में मुख्तार अंसारी के असलहे के लाइसेंस में अपना हस्ताक्षर होने से इंकार किया है. तत्कालीन आयुध लिपिक और मुख्तार अंसारी की साजिश से असलहा लाइसेंस लेने में धोखाधड़ी की गई. तत्कालीन आयुध लिपिक की मौत हो चुकी है और अब सिर्फ मुख्तार इस मामले में आरोपी है.
प्रकरण के अनुसार, मुख्तार अंसारी के खिलाफ आरोप है कि 10 जून 1987 को दोनाली बंदूक के लाइसेंस के लिए गाजीपुर के जिला मजिस्ट्रेट के यहां प्रार्थना पत्र दिया था. जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक के फर्जी हस्ताक्षर से उसने शस्त्र लाइसेंस प्राप्त कर लिया था. फर्जीवाड़े के उजागर होने पर सीबीसीआईडी ने चार दिसंबर 1990 को गाजीपुर के मुहम्मदाबाद थाने में मुख्तार अंसारी, तत्कालीन डिप्टी कलेक्टर समेत पांच नामजद और अन्य अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था.