World IBD Day: शौच में खून आने की समस्या को न लें हल्के में, युवाओं में यह बीमारी फैल रही तेजी से...

World IBD Day: शौच में खून आने की समस्या को न लें हल्के में, युवाओं में यह बीमारी फैल रही तेजी से...

वाराणसी, भदैनी मिरर। पेट संबंधित बीमारी को अक्सर हम गम्भीरता से लेते है, लेकिन शौच में खून आने की शिकायत को कदापि हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए। सिर्फ बवासीर में ही नहीं बल्कि तेजी से उभरते आईबीडी       ( Inflammatory bowel disease) में भी मोशन में ब्लड आ सकता है। इंफ्लामेट्री बाउल्ज डिसीज ऐसी बीमारी है, जिसके लक्षण शुरुआत में बहुत सामान्य लगते हैं। यह एक ऐसी बीमारी है जिसमें आंत और पेट के अंदरूनी कोमल भागों में सूजन आने की समस्या हो जाती है। जिस कारण पेट से जुड़ी बीमारियां लगातार रोगी को परेशान करती रहती हैं।


बीएचयू के आईएमएस सरसुन्दरलाल अस्पताल में वर्ष 2021 के जनवरी महीने में आईबीडी क्लिनिक की शुरुआत कराने वाले गेस्ट्रोएंट्रोलाॅजी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डाॅ. देवेश यादव कहते है कि 19 मई को दुनिया भर में विश्व आईबीडी दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य है, आईबीडी पर जागरूकता बढ़ाना है। इस बीमारी का पुरुष और महिलाओं पर एक समान प्रभाव होता है। आईबीडी 15 से 35 वर्ष तक की उम्र के किशोरों और युवा व्यस्कों में ज्यादा पाया जाता है।


डाॅ0 देवेश यादव का कहना है कि इंफ्लामेट्री बाउल्ज डिसीज (उत्तेजक आंत रोग) को कहते है जो आँतों में उत्तेजना पैदा करने वाले विकारों का समूह है। आईबीडी का कारण सामान्यतः अज्ञात होता है और यह पीड़ित व्यक्ति की रोग-प्रतिकार प्रणाली (शरीर की सुरक्षा प्रणाली) की असामान्य गतिविधि के कारण होता है। अन्य कारणों में आनुवांशिक और पर्यावरण संबंधी कारण शामिल है। तनाव और कुछ खाने की चीजें भी आईबीडी के लक्षणों को बढ़ा सकती हैं।

आईबीडी कई प्रकार की होती है। इनमें एक है क्रहॉन्स डिजीज, इसमें डायजेस्टिव ट्रैक्ट पर सूजन आ जाती है। जबकि दूसरी है अल्सरेटिव कोलाइटिस, इस बीमारी में हमारी बड़ी आंत में सूजन आ जाती है। जो काफी गंभीर रूप में होती है और लंबे समय तक बनी रहती है।


यह होते है IBD के प्रमुख लक्षण


आईबीडी (IBD) शुरुआत में बहुत ही सामान्य रूप में सामने आते हैं और फिर धीरे-धीरे खतरनाक रूप ले लेते हैं। इस बीमारी के लक्षण मुख्य रूप से इस बात पर निर्भर करते हैं कि पाचन तंत्र के किस हिस्से में समस्या हो रही है। हालांकि इस बीमारी के कुछ आम लक्षणों में पेट दर्द, डायरिया, मल के साथ खून आना और बार-बार मितली जैसा अनुभव होना मुख्य रूप से शामिल हैं। डाॅ. देवेश यादव कहते है कि यदि लक्षण दिखाई देते है तो गेस्ट्रोएंट्रोलाॅजिस्ट की सलाह लेनी चाहिए। अगर कोई मरीज आईबीडी में पीड़ित पाया जाता है, तो उसे घबराना नहीं चाहिए क्योंकि आइबीडी को नियंत्रित रख कर सामान्य जीना संभव है। 


डॉ. देवेश का मानना है कि आईबीडी की वजह चाहे जो भी हो लेकिन शुद्ध भोजन और संतुलित जीवनशैली को अपनाकर हम इस बीमारी से काफी हद तक बच सकते हैं। जिन लोगों को इस तरह की समस्या हो उन्हें फास्ट फूड, डिब्बाबंद फूड और बहुत तला-भुना मसालेदार खाना नहीं खाना चाहिए। यह आदत आपकी बीमारी को अधिक गंभीर रूप दे सकती है।