अंतरराष्ट्रीय सेमिनार कार्डियाबकान के अंतिम दिन 20 से अधिक चिकित्सकों ने प्रस्तुत किया अपना शोध, बोलीं डॉक्टर पल्लवी - हृदय रोग को रोकने के लिए जागरूकता जरूरी...
13 वां अंतरराष्ट्रीय सेमिनार कार्डियाबकान के अंतिम दिन रविवार को 20 से अधिक चिकित्सकों ने अपना शोध पत्र प्रस्तुत किया. इस दौरान वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टर पल्लवी मिश्रा ने कहा कि हृदय रोग रोकने के लिए जागरूकता नही.
वाराणसी, भदैनी मिरर। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU) के मालवीय सेंटर ऑफ एथिक्स एंड ह्यूमन वैल्यूज में कार्डियाबकान सोसायटी एवं पैनेसिया हॉस्पिटल एवं पैनेसिया अंतर विभागीय शोध संस्थान के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित तीन दिवसीय मधुमेह, गुर्दा एवं हृदय रोग के जटिलता व तकनीकी सामंजस्य विषयक 13वे अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार कार्डियाबकान का समापन हुआ. इसमें देश-विदेश के प्रख्यात 300 से अधिक चिकित्सकों ने भाग लिया. कार्यक्रम के अंतिम दिन 20 से अधिक चिकित्सको ने नई तकनीकी पर शोध पत्र पढ़ा. इस अवसर सम्मान समारोह का आयोजन किया गया.
सम्मानित होने वाले चिकित्सको में प्रमुख रूप से डा. वी .के. दीक्षित, डा आई.दीक्षित, डा ए.के.डे, डा दीपक राय, डा मोहित, डा अमित श्रीवास्तव, डा अनुज सिंह, डा शमशेर सिंह आदि को कार्डियाबकान के सचिव वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ पल्लवी मिश्रा एवम वरिष्ठ मधुमेह रोग विशेषज्ञ डा आशुतोष मिश्रा अंगवस्त्रम, स्मृति चिन्ह, बुके व प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया. हृदय, मधुमेह व गुदा रोग पर शोध पत्र प्रस्तुत करने वाले चिकित्सको में मुख्य रूप से डॉक्टर मनोज शुक्ला, डा प्रशांत शाही, पडॉक्टर आर. एस. बागची, नुपूर ओझा, डॉ० अनूप मिश्र ,डॉ० जे . के.अग्रवाल, डा सोवान बागची, डा पल्लवी मिश्रा प्रमुख रूप से रहें.
अपने संबोधन में प्रख्यात मधुमेह रोग विशेषज्ञ डॉक्टर आशुतोष मिश्रा ने कहा कि बीमारी को केवल रक्त में चीनी बढ़ने वाली बीमारी की तरह नहीं देखा जाना चाहिए आप जो उन्नत श्रेणी के शोध हुए हैं उनके प्रति जनता को जागरूक करना है कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर उत्तम ओझा ने किया तथा अंत में धन्यवाद ज्ञापन सारण्या ओझा ने किया. इस मौके पर मुख्य रूप से डॉक्टर के के त्रिपाठी, डा संजय राय, डॉ० आनंद कुमार मौर्य, सारण्या ओझा, सूरज केशरी, प्रतिमा सिंह, ऋचा सिंह, नीरज मिश्रा, अनामिका, प्रमोदा, प्रिया, सिद्धार्थ, प्रणव मिश्रा, विकाश गिरी प्रमुख रूप से मौजूद रहें.