अंडरवर्ल्ड के नाम पर फेक करेंसी देकर ठगी और लूट करने वाला धराया, 4 गुना पैसे करने का देते थे झांसा, जाने यह गिरोह कैसे बनाता था शिकार...

आतंकवाद निरोधक दस्ता (ATS) ने वाराणसी (Varanasi) के मड़ुवाडीह के बौलिया निवासी मोंटी को गिरफ्तार किया है। जाली नोट देकर ठगी और लूट करने वाले गिरोह से मोंटी के संबंध बताये जा रहे है। यह गिरोह अंडरवर्ल्ड (Underworld) से अपना संबंध बताकर पीड़ितों को हड़काते थे। यह गिरोह महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, गुजरात, राजस्थान, दिल्ली एवं उत्तर प्रदेश सहित कई अन्य राज्यों में भी फैला है।

अंडरवर्ल्ड के नाम पर फेक करेंसी देकर ठगी और लूट करने वाला धराया, 4 गुना पैसे करने का देते थे झांसा, जाने यह गिरोह कैसे बनाता था शिकार...
ATS द्वारा गिरफ्तार वाराणसी के मंडुवाडीह निवासी माइकल यादव उर्फ मोंटी।

वाराणसी, भदैनी मिरर। आतंकवाद निरोधक दस्ता (ATS) ने वाराणसी से फेक करेंसी देकर लूट और ठगी करने वाले गैंग के सदस्य मड़ुवाडीह थाना के लहरतारा बौलिया निवासी माइकल सिंह यादव उर्फ मोंटी को गिरफ्तार कर लिया है। उसके पास से एक लैपटॉप, 3 मोबाइल फोन और 1 फर्जी आधार कार्ड बरामद किया गया है।

बता दें कि, 29 अक्टूबर को ATS ने प्रतापगढ़ के अभिषेक प्रताप सिंह और मुंबई के नालासोपारा निवासी सौरभ फूलचंद यादव को गिरफ्तार किया था। लखनऊ के गोमतीनगर से पकड़े गए इन बदमाशों के पास से 44,77,500 रुपए बरामद हुए थे। हालांकि इस दौरान तीन बदमाश सचिन, अविनेन्द्र मिश्रा, विमल उर्फ विधायक फरार हो गए थे। ये लोग ग्रे कलर की इको स्पोर्ट्स (UP78 FL-0855) से भागे थे। पकड़े गए बदमाशों से पूछताछ में मोंटी का नाम सामने आया था।

पैसा चार गुना करने की स्कीम बता ठगते थे

लखनऊ से गिरफ्तार बदमाशों से पूछताछ में सामने आया था कि ये लोगों को पैसे चार गुना करने की स्कीम बताते थे। इसके बाद पैसे लेकर आने पर उनके साथ ठगी और लूट करते थे। टोकन मनी के नाम पर अब तक इन्होंने लाखों रुपए की ठगी की है।
इतना ही नहीं, ठगी का शिकार हुए लोगों को यह गिरोह अंडरवर्ल्ड से संबंध होने की धमकी देकर चुप करा देता था। इस बारे में ATS ने लखनऊ के गोमतीनगर थाने में मुकदमा दर्ज कराया था।

ऐसे बना मोंटी इस गिरोह का सदस्य

  • मार्च 2019 में मोटी की मुंबई में सचिन से हुई, जो ब्याज पर रुपए देने का काम करता था।
  • सचिन ने मोंटी को साथ काम करने का ऑफर दिया।
  • कुछ दिन बाद सचिन ने मोंटी की मुलाकात कानपुर के अविनेन्द्र मिश्रा से कराई।
  • फरवरी 2020 में सचिन ने उसकी मुलाकात जौनपुर के हरिओम उर्फ साइंटिस्ट से कराई।
  • इसके बाद मोंटी, सचिन, अविनेन्द्र मिश्रा और हरिओम ने मुंबई में मीटिंग कर ठगी का गिरोह चलाने की प्लानिंग की।

यह गैंग ऐसे करता था काम

  • यह गैंग ऐसे लोगो को अपने साथ जोड़ता था जो MLM (मल्टी लेवल मार्केटिंग), प्रॉपर्टी की खरीद फरोख्त, ब्याज पर पैसा देने जैसा काम करते थे और उनकी सहायता से ऐसे लोगो को खोजा जाता था जिनके पास भारी मात्रा में धन हो।
  • इस गिरोह के कुछ सदस्य लोगो को उच्च गुणवत्ता की भारतीय जाली मुद्रा उपलब्ध कराने का लालच देकर उन्हें भारतीय मुद्रा के बदले चार गुना जाली भारतीय मुद्रा उपलब्ध करवाने का झांसा देते थे जिससे लालच में आकर जब ग्राहक इनके पास पैसे लेकर आता है तो उसके साथ यह लोग उसे लूट लेते थे। लुटा हुआ व्यक्ति अपने साथ हुई घटना की शिकायत न कर सके इसके लिए ये लोग अंडरवर्ल्ड की धमकी देकर ठगी व लूट का शिकार हुए लोगो को चुप करा देते थे।
  • झांसा देने के लिए ये लोग नोट के आकार का कागज लेकर उसे डाई से प्रिंट करके दिखाने का छलावा करते थे जबकि ग्राहक को असली नोट देते थे।
  •  इसके अतिरिक्त जो लोग इस काम को करने में असमर्थता व्यक्त करते थे उन लोगो को ये लोग दूसरी स्कीमो के तहत पैसा तीन गुना व चार गुना करने का लालच देते थे जिसके नाम पर लाखो रूपये की टोकन मनी जमा करवा लेते थे।
  • पैसे चार गुना करने के लालच में कई लोगों ने जेवर, खेत और मकान बेचकर अथवा गिरवी रखकर भारी मात्रा में इनमें लोगो को पैसे उपलब्ध करवाए थे जो ठगी अथवा लूट का शिकार होने के उपरांत डर के मारे कही शिकायत भी नहीं कर पाए थे ।
  • इनका यह गिरोह महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, गुजरात, राजस्थान, दिल्ली एवं उत्तर प्रदेश सहित कई अन्य राज्यों में भी फैला है।