शिया सुन्नी बवाल: 36 नामजद और 4 हजार अज्ञात उपद्रवियों की तलाश, पुलिस ने दर्ज की है दो FIR...
जैतपुरा के दोषीपुरा में हुए शिया-सुन्नी समुदाय के बीच मोहर्रम के ताजिया जुलूस के दौरान हिंसक झड़प में पुलिस ने अब तक दो एफआईआर दर्ज की है.
वाराणसी, भदैनी मिरर। जैतपुरा के दोषीपुरा में हुए शिया-सुन्नी समुदाय के बीच मोहर्रम के ताजिया जुलूस के दौरान हिंसक झड़प में पुलिस ने अब तक दो एफआईआर दर्ज की है. पहली एफआईआर इंस्पेक्टर सुधीर कुमार सिंह और दूसरी एफआईआर शिया समुदाय के दोषीपुरा अध्यक्ष रिजवान हैदर की ओर से करवाई गई है. जिसमें 36 नामजद और 4000 अज्ञात उपद्रवियों की पुलिस को तलाश है. जिसमें फोटो और वीडियो की मदद से सात को चिन्हित कर गिरफ्तार किया गया है, जबकि अन्य की तलाश में पुलिस दबिश दे रही है. वहीं, सुन्नी समुदाय की ओर से कोई तहरीर पुलिस को नहीं दी गई है.
अफसरों के आदेश का नहीं हुआ असर
शासन से लगायत जिला प्रशासन ने लगातार पीस कमेटी की बैठक कर परंपरा के विरुद्ध कोई भी कार्य न करने की हिदायत दी थी, बाबजूद इसके सुन्नी समुदाय ने परंपरा के विरुद्ध आठ ताजिया उठाया जिसका शिया समुदाय ने विरोध किया. जिसके बाद सुन्नी समुदाय जो पहले से ही उग्र था उसने पथराव शुरु कर दिया. मौके पर तैनात पुलिसकर्मियों ने नजाकत को भांप भी नहीं पाए और दोनों समुदायों के बीच जोरदार मारपीट शुरू हुई. जिसमें पुलिसकर्मियों की गाड़ियां क्षतिग्रस्त हुई. एसीपी चेतगंज से लेकर कई पुलिसकर्मियों को पत्थर लगे. कुल 60 से ज्यादा लोग घायल हुई, कुछ ही हालत गंभीर है, कई को सिर में तो कई के जबड़े टूटे है.
फेल रही स्थानीय पुलिस और खुफिया तंत्र
सावन और मुहर्रम को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी सतर्कता बरतने के आदेश दिए थे, जिला स्तर पर अफसरों ने थानेदारों और खुफिया एजेंसी को हर छोटी गतिविधियों पर नजर रखने के निर्देश दिए थे. लेकिन मोहर्रम में जिला इस कदर अशांत हो जायेगा इसकी भनक तक नहीं लगी. शिया समुदाय का आरोप है की सुन्नी समुदाय पहले से बवाल की तैयारी में था. नहीं तो वार्ता के दौरान बवाल की कोई वजह तक नहीं थी. सुन्नी समुदाय के लोग पुलिस की बातों को दरकिनार करते हुए उनके सामने ही बवाल शुरू कर दिए.
सात उपद्रवी भेजे गए जेल
ताजिया जुलूस के दौरान उपद्रव मामले में जैतपुरा थाने की पुलिस ने सात आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. आरोपियों की पहचान सीसी फुटेज से की गई. पुलिस के मुताबिक जैतपुरा थाने में दर्ज मुकदमे की जांच के दौरान दोषीपुरा निवासी हफीजुर्रहमान, शोएब अहमद, एजाज, शमसुद्दीन, इश्तियाक अली, मिजान अली और वसीम अहमद का नाम प्रकाश में आया था. सातों को अदालत में पेश किया गया, जहां से न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजा गया है. इस प्रकरण में 14 लोगों का शांतिभंग के आरोप में चालान किया गया है.
ये हैं 36 नामजद आरोपी
दोषीपुरा निवासी महबूब, तौफीक अहमद खुद अहमद शाहिल बस, तौफीक आलम, जावेद नदीम, अतीक अहमद वसीम अहमद जहांगीर जावेद इस्तियाक अहमद, नेहाल अहमद बेलाल, मुबारक अली, कौसर अली, अनवार आलम, अनीसुरहमान, अब्दुल सलाम, नजी अहमद, अजीमुददीन मोहम्मद असलम, एखलाक अहमद, मुमताज, अ कलाम, अरशद परवेज, मोहम्मदी, दहम्मद शकून, साहेब, जहांगीर, गुलाब, अतीक अहमद, वसीम रजा, अनीसुमन अब्दुल हकीम और सुहैल अंसारी।
वीडियो व्यूइंग टीम करेगी आरोपियों को चिह्नित
पुलिस कमिश्नर मुथा अशोक जैन ने बताया की शिया समुदाय की ओर से बवाल से जुड़े साक्ष्य पेनड्राइव में करके उपलब्ध करवाए गए है. इस प्रकरण में चिन्हित कर पारदर्शी कार्रवाई की जायेगी. बवाल को लेकर डीसीपी काशी जोन आर.एस. गौतम ने बताया की सीसी कैमरों की फुटेज और वीडियो रिकॉर्डिंग में कैद चेहरों को चिह्नित करने के लिए वीडियो व्यूइंग टीम बनाई गई है. इसकी अगुवाई एसीपी चेतगंज श्रुति श्रीवास्तव करेंगी. टीम में जैतपुरा थानाध्यक्ष और तीन दरोगा भी शामिल हैं. टीम की रिपोर्ट के आधार पर आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा. वहीं, शिया समुदाय के लोगों ने आरोपियों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत कार्रवाई की मांग की है.