MLC आशुतोष सिन्हा ने भी बीजेपी पर साधा निशाना, आईआईटी-बीएचयू की छात्रा से दुष्कर्म के आरोपियों को लेकर कही यह बड़ी बात...

समाजवादी पार्टी से एमएलसी आशुतोष सिन्हा ने भी आईआईटी-बीएचयू की छात्रा से दुष्कर्म करने वाले आरोपियों के संबध बीजेपी से निकलने के बाद बीजेपी पर जमकर निशाना साधा.

MLC आशुतोष सिन्हा ने भी बीजेपी पर साधा निशाना, आईआईटी-बीएचयू की छात्रा से दुष्कर्म के आरोपियों को लेकर कही यह बड़ी बात...

वाराणसी, भदैनी मिरर। समाजवादी पार्टी (SP) के एमएलसी आशुतोष सिन्हा ने BHU-IIT की छात्रा से गैंगरेप में गिरफ्तार भाजपा नेताओं को कड़ी सजा की मांग करते हुए कहा कि आजकल यूपी अपराध प्रदेश बन चुका है, जिसके ज़िम्मेदार भाजपा नेता ही हैं. आज भाजपा सरकार में महिला सशक्तिकरण के नारे जैसे 'नारी-वन्दन', एंटी रोमियो और 'बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ' केवल हवा-हवाई है, जबकि आज बेटियों को भाजपाईयों से बचाने की ज़रूरत है. महिला सशक्तिकरण का दिखावा करने वाली भाजपा का असली चेहरा पुनः जनता के सामने आ गया है. इस प्रकरण के आरोपी पहले भी कई बार सामने आए थे लेकिन उन्हें भाजपाई सत्ताधीशों द्वारा बचाया जाता रहा.

सपा एमएलसी ने कहा कि भाजपा नेता कुणाल पाण्डेय, सक्षम सिंह पटेल और एक अन्य आनंद उर्फ अभिषेक  बीएचयू के बाहर एक छात्रा को गनप्वाइंट पर रखकर दुष्कर्म किया. वे घटना के बाद 60 दिन तक खुलेआम घूमते रहे, भाजपा के विभिन्न पार्टी स्तरीय आयोजनों में सम्मिलित होते रहे, जिससे यह स्पष्ट है कि महामना की बगिया में दुस्साहस दिखाने वाले बलात्कारियों को भाजपा का संरक्षण मिल रहा था और इसी कारण उनके हौसले बुलंद हैं. इस घटना के बाद भाजपा का असली बलात्कारी चेहरा और बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान की सच्चाई भी सबके सामने आ गई है. भाजपा के शीर्षस्थ नेताओं के संरक्षण के कारण इन्हें अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया था.

पुलिस के ऊपर भाजपा का दबाव था कि इन्हें गिरफ्तार ना किया जाए, लेकिन समाजवादी पार्टी और छात्रों का सामूहिक प्रयास रंग लाया, जिससे इनकी गिरफ़्तारी हो पाई. भाजपा के शीर्ष नेतृत्व पीएम, सीएम, डिप्टी सीएम समेत तमाम मंत्रियों के साथ इनकी संलग्न तस्वीरें भी सत्ता में इनकी पकड़ की कहानी बयां कर रही हैं. आज बेटियों को सबसे ज़्यादा खतरा भाजपाइयों से ही है. जब पीएम के संसदीय क्षेत्र में ही बेटियां सुरक्षित नहीं हैं, तो पूरे प्रदेश की कानून व्यवस्था का क्या हाल होगा, यह इस घटना की गम्भीरता से समझा जा सकता है. विदित हो कि कुछ दिन पूर्व बीएचयू कैम्पस में सरेराह हुई इस घटना के विरोध में विपक्ष, छात्र-छात्राएं एवं अन्य कई समाजसेवी संगठन कई दिनों से आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए धरनारत थे.