मंत्री दयाशंकर मिश्र का दावा - इतिहास दोहराने को तैयार है काशी, शायद फिर कोई काशी से चुनाव लडने की हिम्मत न जुटा पाए...
लोकसभा चुनाव को लेकर सभी पार्टियां अपने-अपने स्तर पर चुनाव की तैयारियों में जुट गई है.
वाराणसी, भदैनी मिरर। लोकसभा चुनाव को लेकर सभी पार्टियां अपने-अपने स्तर पर चुनाव की तैयारियों में जुट गई है. बात करें भारतीय जनता पार्टी (BJP) की तो अभी तक पीएम मोदी के लोकसभा चुनाव के केंद्रीय कार्यालय का उद्घाटन नहीं हो पाया है, सच मायने में बीजेपी का अभी पूरा ध्यान प्रथम और द्वितीय चरण के चुनाव में है. वाराणसी लोकसभा सीट से जहां पीएम मोदी मैदान में होंगे वहीं, इंडी गठबंधन से यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय होंगे. बसपा ने मुस्लिम कैंडिडेट अतहर जमाल लारी को मैदान में उतारा है.
24 में भी इतिहास दुहराएगी काशी इतिहास
वाराणसी में प्रदेश सरकार के मंत्री दयाशंकर मिश्र दयालु ने कहा कि जिस तरह वर्ष 2014, 2019 में जनता ने प्यार दिया, वैसे ही अब 2019 में भी काशी इतिहास दुहराने जा रही है. अपने उस नेता के लिए जिन्होंने काशी का सम्मान पूरी दुनिया में बढ़ाने का काम किया है. विश्वनाथ कॉरिडोर बनवाने के साथ ही विकास की नई इबारत लिखने का जो काम किया है, जनता रिकार्ड मतों से उन्हें जिताएगी. उन्होंने कहा कि चाहे आप स्वच्छ गंगा, नए घाट, महामना कैंसर इंस्टीट्यूट, नए- नए फ्लाईओवर और पुल हर तरफ काशी में एक ओर गंगा प्रवाहित हो रही है तो दूसरी ओर विकास की गंगा बह रही है. देश में विकास के लिए काशी एक नया मॉडल बन चुका है.
बूथ स्तर पर हमारी तैयारियां पूरी
मंत्री दयाशंकर मिश्र दयालु ने कहा कि लगातार संगठात्मक बैठकें हो रही है. संगठन का हर कार्यकर्ता अपना काम कर रहा है. बूथ के स्तर पर हमारी तैयारियां पूरी हो गई है. लोग रैलियां करते रहे, लोग भीड़ जुटाते रहे, लोग दिखावा करते रहे, भारतीय जनता पार्टी वोटर लिस्ट पन्ना प्रमुख स्तर तक किसी राजनीतिक पार्टी के पास संगठन नहीं है, लोग हवा-हवाई चुनाव लडेंगे और बीजेपी जमीन पर कार्यकर्ताओं के द्वारा एक एतिहासिक चुनाव लडेगी.
...फिर दुबारा कोई काशी से चुनाव लडने की हिम्मत न करे
यूपी कांग्रेस अध्यक्ष व इंडी गठबंधन से वाराणसी सीट से प्रत्याशी अजय राय द्वारा लगातार बीजेपी और पीएम मोदी पर हमलावर होने की बात पर कहा कि उनको लगता है कि वह जुबान से बातें करके चुनाव लडने का जो मंसूबा पाल रखा है वह लगातार चूर होता रहा है, इस बार भी चूर होगा. इस बार तो उनके जो ख्वाब और मंसूबे है इस कदर ध्वस्त होंगे की फिर शायद दोबारा कोई काशी से चुनाव लड़ने की हिम्मत भी नहीं करेगा. प्रत्याशियों के भीतर जो बड़बोलापन और अधिक बोलने की बीमारी है उसका जनता उचित जबाब देगी.