कृषि कानून वापस लेने पर बोले कांग्रेस नेता गौरव कपूर जनता को याद दिलाएंगे किसानों की शहादत

Congress leader Gaurav Kapoor will remind the public on the withdrawal of agriculture law the help of farmers कृषि कानून वापस लेने पर बोले कांग्रेस नेता गौरव कपूर जनता को याद दिलाएंगे किसानों की सहादत

कृषि कानून वापस लेने पर बोले कांग्रेस नेता गौरव कपूर जनता को याद दिलाएंगे किसानों की शहादत

वाराणसी, भदैनी मिरर। कृषि कानूनों के चलते पिछले 14 माह से चल रहे किसानों के आंदोलन का उत्तर प्रदेश के चुनाव में भाजपा को बड़ा झटका लग सकता था। चुनाव से ठीक 3 महीना पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मास्टर स्ट्रोक से पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विधानसभा सीटों पर बिगड़ भाजपा के समीकरण को बनाने में मददगार साबित होगी। 

राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि देश के अन्नदाता ने सत्याग्रह से अहंकार का सर झुका दिया।  अन्याय के खिलाफ़ ये जीत मुबारक हो! जय हिंद, जय हिंद का किसान!  

वहीं उत्तर प्रदेश प्रभारी व कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर कहा कि 600 से अधिक किसानों की शहादत 350 से अधिक दिन का संघर्ष, नरेंद्र मोदी जी आपके मंत्री के बेटे ने किसानों को कुचल कर मार डाला, आपको कोई परवाह नहीं थी।  आपकी पार्टी के नेताओं ने किसानों का अपमान करते हुए उन्हें आतंकवादी, देशद्रोही, गुंडे, उपद्रवी कहा, आपने खुद आंदोलनजीवी बोला। उन पर लाठियाँ बरसायीं, उन्हें गिरफ़्तार किया। 

अब चुनाव में हार दिखने लगी तो आपको अचानक इस देश की सच्चाई समझ में आने लगी - कि यह देश किसानों ने बनाया है, यह देश किसानों का है, किसान ही इस देश का सच्चा रखवाला है और कोई सरकार किसानों के हित को कुचलकर इस देश को नहीं चला सकती। आपकी नियत और आपके बदलते हुए रुख़ पर विश्वास करना मुश्किल है। किसान की सदैव जय होगी।  जय जवान, जय किसान, जय भारत।

वहीं उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के रिसर्च विभाग के चेयरमैन गौरव कपूर ने कहा कि उत्तर प्रदेश चुनाव में इतनी ताकत है कि मोदी जी को किसानों के सामने झुकना पड़ा। किसानों का आक्रोश धीरे-धीरे फैल रहा था जिसका परिणाम आगामी विधानसभा चुनाव में साफ दिखाई देता। इसके अलावा खाद्य पदार्थ से लेकर ईंधन तक के दामों की मार ने कमर तोड़ दी थी। उन्होंने कहा कि कृषि कानून बिल को चुनाव से 10 हफ्ते पहले इसलिए वापस लिया गया ताकि अगले 5 हफ्तों में किसानों को अपने पक्ष में कर सके। लेकिन भाजपा सरकार यह जान ले कि जिन किसानों ने अपनी सहादत दी है उसकी चिंता भला कौन करेगा। बीजेपी को किसान हित नहीं बल्कि सत्ता की चिंता है। कृषि कानून बिल वापस लेकर भले ही भाजपा किसानों को अपने पक्ष में करने की कोशिश करें। लेकिन हम किसानों को उनकी शहादत याद दिलाएंगे। आखिर सरकार को जब कृषि कानून बिल वापस लेना ही था तो सरकार और किसानों के बीच वार्ता विफल होने के बाद ही क्यों न ले लिया गया।