गंगा की चिंता: वरिष्ठ कांग्रेस नेता अजय राय का आरोप विकास नहीं हो रहा विनाश, दम है तो करवाएं विशेषज्ञों की बहस...

गंगा की चिंता: वरिष्ठ कांग्रेस नेता अजय राय का आरोप विकास नहीं हो रहा विनाश, दम है तो करवाएं विशेषज्ञों की बहस...


वाराणसी/भदैनी मिरर। पीएम के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में हो रहे विकास कार्य को लेकर कांग्रेस के पूर्व विधायक अजय राय ने सवाल उठाया है। शनिवार को आयोजित पत्रकारवार्ता के दौरान उन्होंने कहा कि काशी का विकास नही विनाश हो रहा है। एक तरफ गंगा सफाई के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च कर दिए गये हैं। लेकिन इसकी असलियत अब दिख रही है। काशी में गंगा के रंग में आया बदलाव और गंगा में काई की जवलन्त समस्या ललिताघाट के सामने उभारा गया अप्राकृतिक चबुतरा है। सुस्थापित सत्य है कि पानी के मुक्त प्रवाह में अवरोध आने पर ही ऐसा होता है। उन्होंने कहा कि काशी को भरमाया जा रहा कि मिर्जापुर एसटीपी के कारण काई आई है। मल-जल साफ करने वाला संयन्त्र भला काई उत्पादक कैसे हो जाएगा और वह काई केवल बनारस में ही क्यों छा जायेगी ? उस का उपचार केमिकल ट्रीटमेंट नही, चबुतरे से बने जल टहराव का खात्मा है। काशी को कृत्रिम सौन्दर्य देने के नाम पर उसके प्राकृतिक सौन्दर्य का नाश किया जा रहा है।


घाटों के सामने दिखाई देंगे बालू के रेत


अजय राय ने कहा कि विशेषज्ञों की खुली राय है कि प्रवाह में ऐसे कृत्रिम अवरोध एवं घाटों की ओर प्रबल रहे, प्रवाह की धारा के विपरीत दिशा में निकलने वाली नहर गंगा के मुख्य प्रवाह को पूर्वी किनारे की ओर खींच ले जायेगी। जिसके गंगा नदी की जगह घाटों के सामने भविष्य में बालू के ढेर ही नजर आयेंगे। इसका परिणाम होगा कि आने वाले दिनों में काशी में गंगा का स्वरूप प्रयागराज एवं कानपुर जैसा बनकर रह जायेगा।
 

विशेषज्ञों की कराएं खुली बहस


अजय राय ने कहा कि कि जलपुरुष राजेन्द्र सिंह, संकटमोचन के महन्त एवं दो पीढ़ी से स्वच्छ गंगा के आन्दोलन से जुड़ें आईआईटी के प्रोफेसर विश्वम्भरनाथ मिश्र समेत आईआईटी के सिविल इन्जीनियर विशेषज्ञों तथा काशी की धार्मिक आस्था के प्रतिनिधि शीर्ष धर्माचार्यों को भी इस पर वार्ता करने के लिए आमंत्रित करे। दुर्भाग्यपूर्ण है कि आईआईटी के विशेषज्ञों द्वारा नहर निर्माण को लेकर मीडिया से किये गये मौलिक दस तकनीकी सवालों का जनमत के लिए जवाब देने का कोई दायित्व बोध प्रशासन ने प्रदर्शित नहीं किया गया। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि शासन इन योजनाओं पर काम तत्काल रोके नवनिर्मित चबुतरे को धवस्त करे और नहर निर्माण पर खुली विशेषज्ञ बहस कराये। साथ ही कहा कि गंगा के प्रति काशी की श्रद्धालुजन भावना से जुड़ी इन मांगों को नहीं माने जाने पर कांग्रेस जनान्दोलन के लिए बाध्य होगी।