आर्मी ऑफिसर ने पूरा किया कैंसर पीड़ित बच्चों का सपना: दिव्यांशु और आदर्श बने मिलिट्री मैन, सलामी पाकर खिले चेहरे

मेक ए विश संस्था ने दो कैंसर पीड़ित बच्चों, दिव्यांशु (12) और आदर्श (8), का मिलिट्री मैन बनने का सपना साकार किया. 39 जीटीसी के अकाउंट ऑफिसर कर्नल आशीष ने इस ख्वाहिश को पूरा करने में अहम भूमिका निभाई

आर्मी ऑफिसर ने पूरा किया कैंसर पीड़ित बच्चों का सपना: दिव्यांशु और आदर्श बने मिलिट्री मैन, सलामी पाकर खिले चेहरे

वाराणसी, भदैनी मिरर। मेक ए विश संस्था ने दो कैंसर पीड़ित बच्चों, दिव्यांशु (12) और आदर्श (8), का मिलिट्री मैन बनने का सपना साकार किया. 39 जीटीसी के अकाउंट ऑफिसर कर्नल आशीष ने इस ख्वाहिश को पूरा करने में अहम भूमिका निभाई. जब दोनों बच्चे मिलिट्री कंपाउंड पहुंचे, तो सिक्योरिटी गार्ड ने उन्हें सलामी दी, जिससे उनके चेहरों पर खुशी की चमक आ गई, जिसे देख वहां मौजूद लोग भी भावुक हो गए.

इससे पहले, मेक ए विश संस्था ने सात वर्षीय प्रभात रंजन की आखिरी ख्वाहिश पूरी करते हुए उसे एक दिन के लिए ADG (अपर महानिदेशक) बनाया था. पीयूष मोर्डिया ने अपने ऑफिस में इस बच्चे की इच्छा पूरी की थी.

आर्मी को दिए आदेश और किया निरीक्षण

दिव्यांशु और आदर्श ने मिलिट्री मैन बनने की इच्छा जताई थी, जिसे मेक ए विश संस्था ने पूरा किया. जब वे मिलिट्री कंपाउंड पहुंचे, तो उन्हें अधिकारी की तरह सम्मानित किया गया. कर्नल आशीष ने उनका स्वागत करते हुए उन्हें मिलिट्री के कामकाज और उसके महत्व के बारे में बताया. दोनों बच्चे करीब 2 घंटे तक 39 जीटीसी में रहे, जहां उन्होंने विभिन्न विभागों को निर्देश दिए और ऑफिस का निरीक्षण किया.

होमी भाभा कैंसर हॉस्पिटल में चल रहा इलाज

मेक ए विश संस्था के वालंटियर सोमेश मिश्रा ने बताया कि उनकी संस्था होमी भाभा कैंसर हॉस्पिटल के काउंसलिंग प्रोग्राम से जुड़ी है, जहां वे कैंसर पीड़ित बच्चों से उनकी इच्छाओं के बारे में बातचीत करते हैं. संस्था तीन प्रकार की विश पूरी करती है, जिसमें ‘आर्मी ऑफिसर’ बनने की ख्वाहिश के तहत सुल्तानपुर के दिव्यांशु और कुशीनगर के आदर्श ने आर्मी मैन बनने की इच्छा जताई थी.

39 जीटीसी से संपर्क कर पूरी की ख्वाहिश

सोमेश मिश्रा ने बताया कि 39 जीटीसी से संपर्क करने के बाद कर्नल आशीष ने बच्चों की इस विश को पूरा करने की अनुमति दी. मिलिट्री कंपाउंड में दोनों बच्चों को वही सम्मान मिला, जो एक अधिकारी को मिलता है. कर्नल आशीष ने उन्हें मिलिट्री के कामकाज की जानकारी दी और बच्चों ने भी विभागों में फोन कर निर्देश दिए और 39 जीटीसी का निरीक्षण किया.