Sharidya Navratri 2024 : इस बार डोली पर सवार होकर आ रही है मातारानी, जानिए क्या है इसका संकेत
पं. मृत्युंजय पांडेय ने बताया कि मां दुर्गा जब धरती पर आती हैं, विशेष वाहन यानी सवारी पर आती हैं. उनके आगमन की तरह उनके प्रस्थान यानी जाने की सवारी भी विशिष्ट होती है और इस साल माता रानी डोली यानी पालकी पर सवार होकर आएंगी.
Sharidya Navratri 2024 : इस वर्ष 3 अक्टूबर से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हो रही है इसका शुभ समापन विजयादशमी यानी दशहरा के रोज 12 अक्टूबर को होगा. इन दिनों लोग मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की आराधना करते हैं. वहीं माता का आगमन और प्रस्थान किस वाहन पर होगा ये भी विशेष महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि माता का वाहन शुभ−अशुभ फल का सूचक भी होता है. इसका प्रभाव मानव जीवन पर भी देखने को मिलता है. ऐसे में आइए जानते है पंडित मृत्युंजय पांडेय से कि इस नवरात्र मां दुर्गा किस वाहन पर सवार होकर आएगी और इसका क्या संकेत होगा.
पं. मृत्युंजय पांडेय ने बताया कि मां दुर्गा जब धरती पर आती हैं, विशेष वाहन यानी सवारी पर आती हैं. उनके आगमन की तरह उनके प्रस्थान यानी जाने की सवारी भी विशिष्ट होती है और इस साल माता रानी डोली यानी पालकी पर सवार होकर आएंगी.
इस वाहन पर सवार होकर आएगी मां दुर्गा
इस साल शारदीय नवरात्र पर मां दुर्गा ‘डोली’ यानी ‘पालकी’ सवार होकर आएंगी. धार्मिक ग्रंथों के मुताबिक, देवी मां का डोली पर सवार होकर आना अच्छा नहीं माना गया है. देवी पुराण के अनुसार, पालकी पर सवार का संकेत है कि देश में आर्थिक मंदी आ सकती है. प्रकृति अपने रौद्र रूप में जान-माल का नुकसान कर सकती हैं. राजनीतिक रूप से अव्यवस्था का माहौल बन सकता है. यह देश-दुनिया में महामारी के बढ़ने के संकेत भी देती है.
कैसे तय होती है मां दुर्गा की सवारी
देवी भागवत पुराण में बताया गया है कि नवरात्रि के समय में दिन अनुसार मां दुर्गा के आगमन की सवारी क्या होती है. इसके बारे में श्लोक है कि शशि सूर्य गजरुढा शनिभौमै तुरंगमे। गुरौशुक्रेच दोलायां बुधे नौकाप्रकीर्तिता॥ इसके अनुसार, सूर्य यानि रविवार और शशि यानि चंद्रमा अर्थात् सोमवार को नवरात्रि शुरु होती है तो मां दुर्गा की सवारी हाथी होती है.
शनिवार और मंगलवार को नवरात्रि का आगाज होता है तो मातारानी की सवारी घोड़ा होता है. गुरुवार या शुक्रवार के दिन नवरात्रि का प्रारंभ होगा तो मां दुर्गा की सवारी डोली होगी और बुधवार को मां दुर्गा की सवारी नौका होती है.
मुर्गे पर प्रस्थान करेंगी मां दुर्गा
जिस प्रकार मातारानी के आगमन की सवारी होती है, वैसे ही प्रस्थान की भी सवारी होती है। यह भी शुभ-अशुभ का सूचक होता है. इस साल दुर्गा माता चरणायुध पर वापस जा रही हैं. बता दें कि बड़े पंजे वाले मुर्गे को चरणायुध कहा जाता है. इस सवारी यानी मुर्गे पर देवी माता का जाना अशुभ माना गया है. ऐसी स्थित में लोगों का आपस में कलह बढ़ेगा, तबाही की स्थिति रह सकती है. कहते हैं कि माता के मुर्गे पर वापस जाने से लोगों के कष्ट में भी वृद्धि होती है. लोग कई प्रकार के रोगों से परेशान रह सकते हैं.