सभी तीर्थों का फल देता है देवी भागवत, बोले स्वामी प्रखर जी महाराज देवी श्रवण मात्र से इंसान हो जाता है पापमुक्त...

Goddess Bhagwat gives the fruits of all pilgrimages said Swami Prakhar Ji Maharaj just by listening to the Goddess a person becomes sinlessसभी तीर्थों का फल देता है देवी भागवत, बोले स्वामी प्रखर जी महाराज देवी श्रवण मात्र से इंसान हो जाता है पापमुक्त...

सभी तीर्थों का फल देता है देवी भागवत, बोले स्वामी प्रखर जी महाराज देवी श्रवण मात्र से इंसान हो जाता है पापमुक्त...

वाराणसी,भदैनी मिरर। देवी भागवत के श्रवण से सभी तीर्थों और व्रतों का फल प्राप्त होता है। सतयुग, त्रेता तथा द्वापर में तो मनुष्य के लिए अनेक धर्म-कर्म हैं, किंतु कलियुग में तो पुराण सुनने के अतिरिक्त कोई अन्य धार्मिक आचरण नहीं है। कलियुग के धर्म-कर्महीन तथा आचारहीन मनुष्यों के कल्याण के लिए ही श्री व्यासजी ने पुराण-अमृत की सृष्टि की थी। वास्तव में यह पुराण नवाह्र यज्ञ है, जो सभी पुण्य कर्मों से सर्वोपरि एवं निश्चित फलदायक है। उक्त बातें महामंडलेश्वर स्वामी प्रखर जी महाराज ने शंकुलधारा स्थित पौराणिक द्वारिकाधीश मंदिर में चल रहे 51 दिवसीय श्री लक्षचण्डी महायज्ञ के आठवें दिन कही। उन्होंने कहा कि इस नवाह्न यज्ञ से छली, मूर्ख, अमित्र, वेद-विमुख निंदक, चोर, व्यभिचारी, उठाईगीर, मिथ्याचारी, गो-देवता-ब्राह्मण निंदक तथा गुरुद्वेषी जैसे भयानक पापी शुद्ध और पापरहित हो जाते हैं। बड़े-बड़े व्रतों, तीर्थ-यात्राओं, बृहद् यज्ञों या तपों से भी वह पुण्य फल प्राप्त नहीं होता जो श्रीमद् देवी भागवत पुराण के नवाह्र पारायण से प्राप्त होता है। 

यज्ञ के आठवें दिन 300 विद्वान ब्राह्मणों द्वारा दुर्गाशप्तशती पाठ का वाचन हुआ। मुख्य आचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित के आचार्यत्व में सुनील दीक्षित सहित अन्य आचार्यों ने मुख्य यजमानों द्वारा दैनिक पूजन अर्चन के बाद महायज्ञ में दुर्गाशप्तशती के श्लोकों से आहुतियां दिलवायीं। वहीं पंडाल में विराजमान मां भगवती के समक्ष आचार्य सुभाष तिवारी ने देवी भागवत परायण में प्रथम एवं द्वितीय स्कन्ध के अंर्तगत भगवान सुखदेव जी के जन्म का वर्णन तथा जनक जी के उपदेश का वर्णन एवं धृतराष्ट्र आदि चंद्रवंश में उत्पन्न राजाओं के चरित्र वर्णन के साथ भीष्म पितामह के जीवन चरित्र का वर्णन किया गया। इस दौरान स्वामी प्रखर जी महाराज के शिष्य स्वामी पूर्णानंदपुरी जी महाराज, आचार्य गौरव शास्त्री,आत्मबोधप्रकाश ब्रह्मचारी,चंदन सिंह,गोलू सिंह,अमित पसारी ,दिशा पसारी ,तनीषा अरोड़ा ,गौरव तिवारी, अंकित अग्निहोत्री, कुलदीप तिवारी सहित दर्जनों भक्त उपस्थित रहे।