वाराणसी: भाजपा के पूर्व सभासद को मिली जमानत, वर्ष 2004 का है यह मामला
नगर निगम में सदन की बैठक के दौरान नगर आयुक्त से मारपीट करने, तोड़फोड़ व बलवा करने के मामले में आरोपित रानीपुर वार्ड के पूर्व भाजपा सभासद को कोर्ट से राहत मिल गई.
वाराणसी, भदैनी मिरर। नगर निगम में सदन की बैठक के दौरान नगर आयुक्त से मारपीट करने, तोड़फोड़ व बलवा करने के मामले में आरोपित रानीपुर वार्ड के पूर्व भाजपा सभासद को कोर्ट से राहत मिल गई. प्रभारी मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अश्वनी कुमार की अदालत ने रानीपुर, महमूरगंज निवासी पूर्व सभासद भरत लाल को 20-20 हजार रुपए की दो जमानतें एवं बंधपत्र देने पर रिहा करने का आदेश दिया है. अदालत में बचाव पक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अनुज यादव, नरेश यादव व चंद्रबली पटेल ने पक्ष रखा.
प्रकरण के अनुसार तत्कालीन नगर आयुक्त लालजी राय ने सिगरा थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी. आरोप था कि 18 अक्टूबर 2004 को अपराह्न 3 बजे नगर निगम की कार्यकारिणी समिति की बैठक चल रही थी. जिसमें महापौर सहित कार्यकारिणी समिति के सदस्य भी उपस्थित थे. साथ ही बैठक में वादी नगर आयुक्त के साथ उप नगर आयुक्त केएन राय, सुभाष पाण्डेय, सतीश चन्द्र मिश्र, रमेश चन्द्र सिंह, सहायक नगर आयुक्त आदि भी मौजूद थे और सरकारी कार्य कर रहे थे इस बीच पहले से सुनियोजित ढंग से कुछ लोग बैठक में हंगामा करने और गाली गलौज देने लगे. साथ ही बाहर से भी कुछ लोग वहां घुस आए और धमकी देने लगे कि नगर आयुक्त हम लोगों का ठीका आदि कार्य बन्द कर रहे है और हमारी बात नहीं सुन रहे है, इनको जान से मार दो. जब उनके और उनके अधीनस्थ अधिकारियों द्वारा विरोध किया तो हंगामा करने वालों में शामिल मंगल प्रजापति, शैलेन्द्र यादव, ओपी सिंह, नईम अहमद, भरत लाल, शम्भूनाथ बाटुल, मुरारी यादव, राजेश कुमार यादव आदि सभासदों ने अपने 7-8 अज्ञात साथियों के साथ मिलकर कार्यकारिणी कक्ष के दरवाजे को अन्दर से बन्द कर दिया और अपने साथियों से सभी को जान से खत्म करने के लिए ललकारने लगे. जिसके बाद सभी हमलावर अपने अन्य अज्ञात साथियों के साथ मिलकर नगर आयुक्त व अन्य अधीनस्थ अधिकारियों एवं कर्मचारियों के ऊपर लात-मुक्का चलाते हुए ढकेल दिया. जिस पर एक अधिकारी की अंगुली में भी काफी चोटें आई. साथ ही उनलोगो ने सभागार में तोड़फोड़ करने के साथ ही काफी हंगामा किया.