जिला न्यायालय के लिए जारी हुई नई गाइडलाइन्स, अधिवक्ता और न्यायाधीश ऐसे करेंगे कार्य...
वाराणसी,भदैनी मिरर। कोविड़ की दूसरी और खतरनाक लहर को देखते हुए प्रयागराज हाईकोर्ट ने जिला न्यायालयों के संचालन के संबंध में नए दिशा-निर्देश दिए है। जिसे वाराणसी जिला एवं सत्र न्यायालय में 24 अप्रैल से ही प्रभावी कर दिया गया है। नए दिशानिर्देश के अनुसार अगले आदेश तक वाराणसी जिला एवं सत्र न्यायालय में निम्न प्रकार से कार्य संपादित किये जाएंगे।
1. (क) निर्धारित बिंदु पर चक्रानुक्रम तैयार करने के लिये मुख्यालय पर पर्याप्त न्यायिक अधिकारी उपलब्ध नहीं हैं। अत: न्यायिक अधिकारियों की उपस्थिति के आधार पर ही कार्य का संपादन होगा।
(ख) पूर्व पारित प्रशासनिक आदेश संख्या 40/2021, दिनांकित 17.04.2021 के अनुसार विशेष क्षेत्राधिकार वाले न्यायालय जेआईटीएसआई सॉफ्टवेयर या वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कार्य करेंगे।
(ग) मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, वाराणसी न्यायालयों के संचालन के संबंध में न्यायिक अधिकारियों की उपस्थिति के आधार पर कार्य संपादित किया जाएगा।
(घ) न्यायालय सिविल जज (सीनियर डिविजन) वाराणसी के पीठासीन अधिकारी आवश्यक प्रकृति के मामलों की सुनवाई जेआईटीएसआई सॉफ्टवेयर या वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कार्य करेंगे।
(ड) न्यायालय सिविल जज (जूनियर डिविजन) वाराणसी के पीठासाीन अधिकारी आवश्यक प्रकृति के मामलों की सुनवाई जेआईटीएसआई सॉफ्टवेयर या वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कार्य करेंगे।
(च) न्यायालय सिविल जज (जूनियर डिविजन) शहर वाराणसी के पीठासीन अधिकारी आवश्यक प्रकृति के मामलों की सुनवाई जेआईटीएसआई सॉफ्टवेयर या वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कार्य करेंगे।
(छ) न्यायालय सिविल जज (जूनियर डिविजन), हवाली वाराणसी के पीठासीन अधिकारी आवश्यक प्रकृति के मामलों की सुनवाई जेआईटीएसआई सॉफ्टवेयर या वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कार्य करेंगे।
2. लंबित जरूरी मामलों में प्रस्तुत आवेदनों की संख्या कम है, ऐसी स्थिति में न्यायालय में उपस्थित सत्र न्यायाधीश/ मजिस्ट्रेट स्तर के अधिकारी लिंक ऑफिसर के रूप में कार्य करना सुनिश्चित करेंगे।
3. न्यायालय में उपस्थित न्यायिक अधिकारियों की संख्या के आधार पर दिन-प्रतिदिन न्यायालय का कार्य निष्पादन करने के लिये समय समय पर निर्देश निर्गत किये जाएंगे।
4. इस अवधि में न्यायिक अधिकारियों द्वारा निम्न प्रकार का कार्य संपादित किये जाएंगे।
(क) जमानत, अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र।
(ख) आवश्यक विविध दाण्डिक प्रार्थना पत्र।
(ग) आवश्यक दीवानी प्रार्थना पत्र जैसे स्थगन प्रार्थना पत्र आदि।
(घ) विचाराधीन बंदियों से संबंधित न्यायिक/रिमांड कार्य।
(ड) अन्य अति आवश्यक प्रकृति के मामले जिन्हें विभागाध्यक्ष आवश्यक समझें।
5. जनपद न्यायालय वाराणसी स्थित समस्त न्यायालय प्रात: 10:30 बजे से 2:30 बजे तक संचालित किये जाएंगे। जबकि कार्य समाप्त होने पर न्यायिक अधिकारी व न्यायालय कर्मचारी न्यायालय परिसर छोड़ सकते हैं।
6. बिंदु संख्या 4 में उल्लेखित मामले मौभित रूप से अथवा वीडियो कान्फ्रेंसिंग/वर्चुअल मोड से न्यायालय परिसर अथवाा आवासीय कार्यालय से संपादित किये जाएंगे।
7. रिमांड कार्य एवं विचाराधीन बंदियों से संबंधित अन्य न्यायिक कार्य जेआईटीएसआई सॉफ्टवेयर या वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संपादित किये जाएंगे।
8. ईमेल के माध्यम से जमानत प्रार्थनापत्र/अग्रिम जमानत प्रार्थनापत्र अथवा अन्य महत्वपूर्ण प्रार्थनापत्र प्रेषित किये जाने के लिये जनपद न्यायालय वाराणसी की ईमेल आईडी है court.varanasi@gmail.com
ईमेल के माध्यम से विद्वान अधिवक्तागण द्वारा अपराह्न 11 बजे तक ही प्रार्थनापत्र प्रस्तुत किये जाएंगे। वे पीडीएफ फाइल में निम्नलिखित जानकारी के साथ प्रस्तुत किये जाएं।
(क) न्यायालय का नाम
(ख) अधिवक्ता का नाम, मोबाइल नंबर व ईमेल आईडी
(ग) वादी/प्रतिवादी का नाम
9. कम्प्यूटर अनुभाग, जनपद न्यायालय वाराणसी द्वारा ईमेल के माध्यम से प्राप्त प्रार्थनापत्रों को डाउनलोड कर संबंधित न्यायालयों को प्राप्त कराना सुनिश्चित किया जाएगा। चूंकि वर्तमान में सर्वर रूम में जगह व कर्मचारियों की कमी के कारण संबंधित न्यायालय द्वारा सीआईएस सॉफ्टवेयर के सेंट्रलाइज्ड फिलिंग मॉड्यूल में दर्ज किया जाएगा। उक्त प्रपत्रों की एक प्रति अभियोजन पक्ष/जिला शासकीय अधिवक्ताओं को ईमेल के माध्यम से प्राप्त करायी जाएगी।
10. सभी विद्वान अधिवक्ताओं से अनुरोध है कि न्यायालय परिसर में वे अधिवक्ता ही प्रवेश करें जिनके मामले सुनवाई के लिये नियत हों और सुवाई समाप्त होने के उपरांत वे तत्काल न्यायालय परिसर छोड़ दें। अध्यक्ष एवं सचिव जिला बार संघ वाराणसी से अनुरोध है कि उक्त आदेश को समस्त अधिवक्तागण के माध्य प्ररिचालित कराएं।
11. वादकारियों को न्यायालय परिसर में प्रवेश करने की अनुमति निषेध है। विशेष परिस्थिति में आरटीपीसीआर टेस्ट निगेटिव होने पर अनुमति दी जाएगी।
12. सभी न्यायिक अधिकारियों को निर्देशित किया जाता है कि माननीय उच्च न्यायालय/ माननीय उच्चतम न्यायाल द्वारा जिन पत्रावलियों में शीघ्र निस्तारण का निर्देश दिया गया है, उसके अनुपालन में आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करें। शेष प्रकृति के मुकदमों में अपनी सुविधा के अनुसार तारीख नियत करेंगे।
13. इस अवधि में वादकारियों एवं अधिवक्ताओं द्वारा न्यायालय संचालन से संबंधित सहायता के लिये फोन नंबर 0542-2501551 / 2500819 पर संपर्क किया जा सकता है। साथ ही सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण वाराणसी से मोबाइल नंबर 8433216828 पर संपर्क करके लीगल वालण्टियर्स की सेवाएं ली जा सकती हैं।
14. यदि मुख्यालय स्थित सभी न्यायालय / बाह्य न्यायालय कन्टेन्टमेंट जोन में आते हैं सभी आवश्यक मामले वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आवासीय कार्यालय से संपादित किये जाएंगे। रिमांड कार्य एवं विचाराधीन बंदियों से संबंधित अन्य न्यायिक कार्य जेआईटीएसआई सॉफ्टवेयर / वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ही संपादित किये जाएंगे।
15. सभी न्यायालयों के पीठासीन अधिकारी / प्रभारी अधिकारी आवश्यक्तानुसार कम से कम अपने कर्मचारियों की उपस्थिति के संबंध में स्वयं निर्णय लेंगे, किंतु प्रत्येक दशा में यह 33 प्रतिशत से अधिक नहीं होगा। कर्मचारियों की ड्यूटी रोटेशन के आधार पर सुनिश्चित की जाएगी।
16. राज्य सरकार द्वारा जारी की गयी दिशा निर्देश दिनांकित 20 अप्रैल 2021 के अनुपालन में प्रत्येक न्यायालय सेनेटाइजेशन के लिये शनिवार एवं रविवार बंद रहेंगे।
17. सभी न्यायिक अधिकारी दिन प्रतिदिन अपने अपने न्यायालयों में निस्तारित वादों एवं प्रार्थनापत्रों की संख्या का विवरण सिस्टम ऑफिसर को उपलब्ध कराएंगे, तपश्चात समेकित विवरण को माननीय न्यायालय को ई सर्विस माड्यूल के माध्यम से उपलब्ध कराएंगे।