वाराणसी में जाम की समस्या होगी दूर, DM और पुलिस कमिश्नर ने ई-रिक्शा पर शुरू किया बार कोड व स्टीकर अभियान
शहर में ई-रिक्शा से उत्पन्न हो रहे ट्रैफिक जाम को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने एक नई योजना की शुरुआत की है. इस पहल के तहत सभी ई-रिक्शा वाहनों पर क्यूआर कोड और स्टीकर लगाए जाएंगे, जो उनके निर्धारित मार्गों को इंगित करेंगे
वाराणसी, भदैनी मिरर। शहर में ई-रिक्शा से उत्पन्न हो रहे ट्रैफिक जाम को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने एक नई योजना की शुरुआत की है. इस पहल के तहत सभी ई-रिक्शा वाहनों पर क्यूआर कोड और स्टीकर लगाए जाएंगे, जो उनके निर्धारित मार्गों को इंगित करेंगे. हर रूट के लिए अलग-अलग रंग के स्टीकर होंगे, जिससे हर ई-रिक्शा के अधिकृत मार्ग की पहचान हो सकेगी.
इस पहल से वाराणसी के निवासियों को यातायात में सुधार का अनुभव होगा और यात्री आसानी से ई-रिक्शा का उपयोग कर सकेंगे. मंगलवार को इस अभियान का शुभारंभ पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल और जिलाधिकारी एस. राजलिंगम द्वारा किया गया. दोनों अधिकारियों ने ई-रिक्शा पर क्यूआर कोड और स्टीकर लगाए और फोन से क्यूआर कोड स्कैन कर जानकारी प्राप्त की.
तीन जोनों में बंटा वाराणसी, हर जोन में 5 रूट निर्धारित: पुलिस कमिश्नर
पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने जानकारी दी कि पहले वाराणसी में 15 से 20 हजार के बीच ई-रिक्शा थे, जो अब बढ़कर लगभग 30 हजार हो गए हैं। शहर में बढ़ती भीड़ और जाम की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए, ई-रिक्शा के लिए अलग-अलग मार्ग निर्धारित किए गए हैं. पूरे शहर को तीन जोनों में बांटकर हर जोन में 5-5 रूट बनाए गए हैं. इन रूटों के आधार पर ई-रिक्शा पर विभिन्न रंगों के स्टीकर लगाए गए हैं ताकि यात्रियों और चालकों को सही दिशा-निर्देश मिल सके.
नई योजना से वाराणसी के लोगों को मिलेगी सहूलियत: जिलाधिकारी
इस योजना के तहत क्यूआर कोड और स्टीकर की मदद से ई-रिक्शा का रजिस्ट्रेशन, लाइसेंस, और फिटनेस की जांच भी की जा सकेगी. इससे नाबालिग चालकों पर रोक लगाई जा सकेगी और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि प्रत्येक ई-रिक्शा केवल निर्धारित रूट पर ही संचालित हो। जिलाधिकारी एस. राजलिंगम ने कहा कि वाराणसी में प्रतिदिन लाखों श्रद्धालु आते हैं, जिससे ई-रिक्शा की संख्या में भी भारी वृद्धि हुई है. इसके कारण ट्रैफिक जाम और अन्य समस्याएं उत्पन्न हो रही थीं। इस नई योजना से शहर के यातायात को सुचारू रूप से संचालित करने में मदद मिलेगी, जिससे स्कूली बच्चों से लेकर ऑफिस जाने वाले कर्मचारियों तक सभी को राहत मिलेगी.
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह योजना कोई प्रतिबंध नहीं है, बल्कि शहर में बढ़ते ट्रैफिक और भीड़ की समस्याओं का समाधान करेगी.