इनामी शाइन सिटी के मालिकों पर दो और मुकदमा, शिक्षकों से पैसे हड़पने का आरोप...
वाराणसी/भदैनी मिरर। एक के बाद एक फ़्रॉड करने वाले रियल स्टेट के मालिकों पर पुलिस ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। अब बीएचयू केंद्रीय विद्यालय के एक शिक्षक और एक शिक्षिका की तहरीर पर शाइन सिटी इंफ्रा लिमिटेड के मालिक और पहले से फरार 75-75 हजार के इनामी राशिद नसीम व आसिफ नसीम पर वाराणसी के लंका थाने में 2 मुकदमे दर्ज किए गए हैं। जिसके बाद पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। बता दें कि 75 हजार के इनामी दोनों भाई प्लाट देने का झांसा देकर 30 लाख रुपए हड़पने का आरोप के बाद देश छोड़ कर भाग चुके दोनों
वहीं BHU परिसर में त्यागराज कॉलोनी में रहने वाले डॉ. आनंद स्वरूप सिंह ने बताया कि उन्हें परिचितों से जानकारी मिली थी कि शाइन सिटी एक कंपनी है जो प्लाटिंग का काम प्रदेश भर में करती है। इसके बाद उन्होंने कंपनी के सीएमडी राशिद नसीम, एमडी आसिफ नसीम और एसोसिएट संजीव श्रीवास्वत, अमिताभ श्रीवास्तव, विकास तिवारी व कुछ अन्य लोगों से मुलाकात की। उन्होंने कंपनी के काशियाना प्रोजेक्ट के लिए 5,21,870 रुपए दिए थे। जिसके बाद यह तय हुआ था कि 5 साल पूरा होने पर उन्हें उनका प्लाट मिल जाएगा लेकिन अब तक न तो उन्हें प्लॉट मिला और न ही उनका पैसा वापस हुआ। जिसके बाद डॉ. आनंद स्वरूप ने पुलिस से गुहार लगाई है कि वह दिव्यांग हैं और भागदौड़ भी नहीं कर सकते हैं। किसी भी तरह से उन्हें उनका पैसा वापस दिलाया जाए।
इधर सुंदरपुर में रहने वाली बीएचयू केंद्रीय विद्यालय की शिक्षिका पुष्पा द्विवेदी ने बताया कि उन्हें कंपनी द्वारा बताया गया था कि शाइन सिटी रेरा (Real Estate Regulatory Authority) में रजिस्टर्ड है। उन्होंने जमीन लेने की इच्छा जताई तो कंपनी के सीएमडी राशिद नसीम, एमडी आसिफ नसीम और एसोसिएट संजीव श्रीवास्वत, अमिताभ श्रीवास्तव, विकास तिवारी व कुछ अन्य लोग उनके घर आए। जिसके बाद बात तय हुई तो उन्होंने और उनके पति ने अपने बेटे-बेटी और एक रिश्तेदार के नाम से प्लाट और वाहन की खरीद के लिए और उन्होंने कंपनी की अलग-अलग स्कीम में लगभग 25 लाख रुपये निवेश किया। उन्हें आज तक प्लाट और वाहन नहीं मिले। इसके साथ ही उनका पैसा भी वापस नहीं किया गया। कंपनी के एसोसिएट पैसा लौटाने के नाम पर हमेशा टालमटोल करते हैं।
2018 से दोनों भाई छुपे हैं विदेश में
प्रयागराज के करेली के जीटीबी नगर के मूल निवासी राशिद और आसिफ के खिलाफ प्रदेश के सभी बड़े जिलों में धोखाधड़ी के मुकदमे दर्ज हैं। वाराणसी में दोनों भाइयों के खिलाफ 3 दर्जन से ज्यादा मुकदमे और 25-25 हजार का इनाम घोषित है। दोनों के खिलाफ दर्ज मुकदमों की जांच अब आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन कर रहा है।
वहीं, लखनऊ में दोनों भाइयों के खिलाफ 250 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं और वहां की पुलिस ने 50-50 हजार का इनाम घोषित कर रखा है। दोनों भाइयों के खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी है। पुलिस के अनुसार दोनों भाइयों पर जब धोखाधड़ी के मुकदमे दर्ज होने लगे तो वह साल 2018 की शुरूआत में ही नेपाल चले गए। नेपाल से दोनों दुबई भाग गए। अब दोनों वहां हीरे का कारोबार करने के साथ ही अन्य धंधों में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।