वैज्ञानिक डॉ. बाके बिहारी को दी गई तुलसीघाट पर श्रद्धांजलि, रामकथा मंदाकिनी शोभायात्रा के थे संस्थापक...
वाराणसी/भदैनी मिरर। रामकथा मन्दाकिनी शोभायात्रा समिति और अंतरराष्ट्रीय काशी घाट वॉक विश्वविद्यालय के तत्त्वावधान में बीएचयू के ख्यात न्यूरोलॉजिस्ट प्रो वी एन मिश्रा के नेतृत्व में प्रख्यात वैज्ञानिक डॉ. बांके बिहारी श्रीवास्तव को श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
तुलसीघाट पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा में बांके जी जीवन पर प्रकाश डालते हुए डॉ वी एन मिश्रा ने बताया कि बांके जी बचपन से बड़े मेघावी थे, जिन्होंने हाई स्कूल की परीक्षा में पूरे जिले में प्रथम स्थान प्राप्त किया, बाद में इनकी इंटरमीडिएट की शिक्षा डीएवी स्कूल तथा बाद की शिक्षा काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से हुई। जौनपुर में बचपन से ही राष्ट्रीय स्वयसेवक संघ के सम्पर्क में आ जाने के कारण वाराणसी में आने के बाद नागरी शाखा के मुख्य शिक्षक का उन्हें दायित्व मिला । बांके जी की पढ़ाई के साथ साथ सामाजिक गतिविधियां समानांतर चलती रही। फलस्वरूप एक ओर खेल में भी अग्रणी रहे, वही दूसरी ओर संघ का प्रभाव पड़ने के कारण एक प्रभावी वक्ता, कुशल संगठनकर्ता बन गए। बांके जी एक वैज्ञानिक होने के नाते देश विदेश में सैकड़ों शोध पत्र पढ़ा तथा अनेकों पुस्तकें भी लिखी। वह महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय चित्रकूट, म.प्र के कुलपति व उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक चयन बोर्ड के अध्यक्ष भी रहे। इसके साथ ही काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के एप्लाइड फिजिक्स विभाग के प्रोफेसर भी रहे।
बांके जी ने डॉक्टर श्रीवास्तव राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, विद्यार्थी परिषद, महामना मालवीय मिशन, भारत विकास परिषद, राम कथा मंदाकिनी शोभायात्रा, अखिल भारतीय कायस्थ महासभा जैसे अनेको संगठनों को मजबूत किया। वहीं विदेश प्रवास के दौरान इंग्लैंड, कनाडा समेत कई देशों में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विस्तार में सक्रिय भूमिका निभाई।
इस दौरान हरीश वालिया ने बताया कि बांके जी ने श्रीरामकथा मंदाकिनी शोभायात्रा रामनवमी के अवसर पर काशी में सन 1988 से प्रारम्भ कराया जो वर्तमान में भी तुलसी घाट से शुरू होती है। वैज्ञानिक रहते हुए उन्होंने कई पुस्तकें भी लिखी हैं। उन्होंने बताया कि भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. शंकर दयाल शर्मा ने बांके बिहारी जी द्वारा ऊर्जा के क्षेत्र के लिए लिखी 'अपारम्परिक ताप ऊर्जा स्त्रोत एवं ग्रामोत्थान' पुस्तक का विमोचन किया था। बांके बिहारी को राष्ट्रीय व अतर्राष्ट्रीय पुरस्कार भी प्राप्त हुए थे। दिनांक 11 मई 2021 को उनका तिरोधान हुआ। सभा में मुख्य रूप से ज्ञानेश्वर जायसवाल, डॉ शिशिर मालवीय, चन्द्र शेखर कपूर, संजीव श्रीवास्तव उपस्थित रहे।