शैक्षणिक पाठ्यक्रम में शामिल हो भगवान विश्वकर्मा: जयंती पर अवकाश की मांग, धरना देकर सौंपा ज्ञापन

शैक्षणिक पाठ्यक्रम में शामिल हो भगवान विश्वकर्मा: जयंती पर अवकाश की मांग, धरना देकर सौंपा ज्ञापन

वाराणसी,भदैनी मिरर। देव शिल्पी एवं सृजन एवं रचना के देवता भगवान विश्वकर्मा की जयंती पर अवकाश रद्द किये जाने के विरोध में शुक्रवार को ऑल इंडिया यूनाइटेड विश्वकर्मा शिल्पकार महासभा के बैनर तले लोगों ने शास्त्री घाट पर प्रदर्शन किया।  धरने पर बैठे लोगों ने कहा कि बाबा विश्वकर्मा सभी जाति धर्म वर्ग के लोगों की आस्था के प्रतीक हैं। विश्वकर्मा पूजा का पर्व पौराणिक परंपरा के साथ ही विश्वकर्मा समाज की सांस्कृतिक विरासत सामाजिक पहचान और गौरव का प्रतीक पर्व है।  पूर्ववर्ती सरकारों में विश्वकर्मा पूजा का अवकाश घोषित था, जिसे वर्तमान सरकार ने महापुरुष का दर्जा देते हुए रद्द कर दिया गया है। जिससे भगवान विश्वकर्मा में आस्था रखने वाले करोड़ों लोगों की भावनाओं को गहरा आघात लगा है।

महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक कुमार विश्वकर्मा के नेतृत्व में लोगों ने मुख्यमंत्री को जिलाधिकारी के माध्यम से ज्ञापन प्रेषित किया। धरने में शामिल लोग अपनी मांगों से संबंधित नारे लिखी हुई तख्तियां लिए हुए थे। राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक कुमार विश्वकर्मा ने कहा देश में अनेक महापुरुषों देवी देवताओं एवं राजनेताओं के नाम पर उनके सम्मान में अवकाश घोषित है, लेकिन बाबा विश्वकर्मा की जयंती पर छुट्टी रद्द करना सोच से परे है।

धरने में बैठे अशोक कुमार विश्वकर्मा ने कहा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ  ने घोषणा किया था कि भगवान विश्वकर्मा के जीवन चरित्र को शैक्षिक पाठ्यक्रमों में शामिल किया जाएगा। जिसे आज तक पूरा नहीं किया गया। विश्कर्मा समाज की मांग है की सरकार अपना वादा पूरा करते हुए विश्वकर्मा पूजा पर्व 17 सितंबर का सार्वजनिक अवकाश घोषित करे।  कार्यक्रम में प्रमुख रूप से रेखा शर्मा चेयरमैन नगर पालिका परिषद रामनगर, नंदलाल विश्वकर्मा, सुरेश शर्मा एडवोकेट, लोचन विश्वकर्मा, भैरव विश्वकर्मा, रमेश विश्वकर्मा, सुरेश विश्वकर्मा, महेंद्र विश्वकर्मा, मनोज विश्वकर्मा, सतनाम सिंह, भरत विश्वकर्मा, श्याम सुंदरी, सोनी देवी, बबीता विश्वकर्मा समीम अहमद अंसारी  राजेंद्र विश्वकर्मा सहित बड़ी संख्या में लोग शामिल थे।