कोर्ट ने सुनाई आरोपी को उम्रकैद और जुर्माने की सजा, दो आरोपियों को किया बरी, 11 साल पहले हुई थी हत्या
वाराणसी, भदैनी मिरर। अपर सत्र न्यायाधीश (त्रयोदश) मनोज कुमार सिंह ने 11 साल पहले हुई हत्या के मामलें में अभियुक्त सूबेदार सिंह को उम्रकैद के साथ 20 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माने की आधी राशि वादी धर्मवीर को दिए जाने का आदेश अदालत ने दिया है। इस मामलें में दो को कोर्ट ने आरोप सिद्ध न होने पर बरी कर दिया।
एडीजीसी बिंदू सिंह के अनुसार हुकुलगंज निवासी धर्मवीर ने कैंट थाने में 8 नवंबर 2010 को प्राथमिकी दर्ज कराई थी। धर्मवीर ने पुलिस को बताया था कि 7 नवंबर की रात 9 बजे हुकुलगंज निवासी अभियुक्त सूबेदार अपने 2 साथियों के साथ उसके घर आया। उसके छोटे भाई सुनील को सूबेदार और उसके दोस्त अपने साथ ले जाने के लिए कहने लगा। इस पर धर्मवीर, उसकी मां व भाई मनोज द्वारा मना किया गया तो सूबेदार ने कहा कि थोड़ी देर का काम है। उसके बाद घर छोड़ देंगे।
देर रात तक सुनील घर नहीं लौटा तो उसकी खोजबीन शुरू की गई। इसी बीच उसके मामा गरम सिंह ने बताया कि सुनील अपने 2 साथियों के साथ कमला सिंह के घर आया था, जहां उसने उसे देखा था। उसके बाद वह लोग वहां से चले गए थे। इसके बाद 8 नवंबर 2010 की सुबह वरुणा नदी के किनारे पिपरहवा घाट पर सुनील की गर्दन कटी लाश बरामद हुई। धर्मवीर ने कमला सिंह से घरेलू संपत्ति के विवाद में सुनील की हत्या की आशंका जताई।
अपर सत्र न्यायाधीश (त्रयोदश) मनोज कुमार सिंह की अदालत ने विचारण के बाद आरोपी असलम उर्फ लोरी और अकबर को आरोप सिद्ध न होने पर बरी कर दिया। वहीं पत्रावलियों के अवलोकन और उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर अभियुक्त सूबेदार को हत्या जैसे जघन्यतम अपराध का दोषी पाते हुए उम्रकैद और जुर्माने की सजा से दंडित किया।