गिरफ्तारी के बाद जेल भेजे गए अमिताभ ठाकुर: पूर्व IPS मांगते रहे पुलिस से FIR की कॉपी, उठा ले गई थाने, बोले- मेरी हत्या हो सकती है, देखें वीडियो

वाराणसी, भदैनी मिरर। पूर्व आईपीएस के साथ लखनऊ पुलिस ने जो सलूक किया वह सबके सामने है, अपने अधिकार के तहत अमिताभ ठाकुर एफआईआर की कॉपी मांग रहे थे, लेकिन लखनऊ पुलिस ने जबरदस्ती उन्हें गाड़ी में भर लिया। पुलिसकर्मी यह भूल गए की अमिताभ ठाकुर कभी उसी पुलिस विभाग के अधिकारी हुआ करते थे। हालांकि उनकी पत्नी सोशल एक्टिविस्ट नूतन ठाकुर ने यह आरोप लगाया है कि सीएम योगी आदित्यनाथ के खिलाफ चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद से ही उनके परिवार को प्रताड़ित किया जा रहा है।

वायरल वीडियो के मुताबिक पुलिस अमिताभ को हजरतगंज थाने ले जाने लगी तो वह उसका विरोध किए।गिरफ्तारी के बाद अमिताभ ठाकुर को मेडिकल के लिए सिविल अस्पताल ले जाया गया। यहां उन्होंने मीडिया से कहा कि सीएम योगी मेरी हत्या करा सकते हैं। मुझे जानबूझकर प्रताड़ित किया जा रहा है। जिस केस से मेरा कोई मतलब नहीं, उसमें मुझे फंसाया जा रहा है। शाम 6 बजे ठाकुर को मेडिकल के बाद हजरतगंज पुलिस ने कोर्ट में पेश किया है। कोर्ट से उन्हें जेल भेजे जाने के आदेश हुए।
पुलिस उपायुक्त द्वारा दिए गए बयान के मुताबिक अमिताभ ठाकुर पर रेप के आरोपी BSP सांसद अतुल राय का साथ देने का आरोप है। रेप पीड़िता और उसके गवाह दोस्त सत्यम राय ने सुप्रीम कोर्ट के बाहर 16 अगस्त को वीडियो बनाकर अमिताभ ठाकुर पर आरोप लगाया था। इसके बाद दोनों ने आग लगाकर आत्मदाह करने की कोशिश की थी। इलाज के दौरान पिछली 21 अगस्त को गवाह और 24 अगस्त को रेप पीड़िता की भी मौत हो गई थी। जिसकी जांच हेतु शासन द्वारा गठित दो सदस्यीय जांच कमेटी के अंतिम रिपोर्ट के आधार पर लखनऊ पुलिस ने कार्रवाई की है।

दोनों ने अमिताभ ठाकुर का नाम लिया था

सोशल मीडिया पर आत्मदाह से पहले पीड़िता और उसके गवाह द्वारा लाइव वीडियो बनाते समय दोनों ने कहा था कि अतुल राय के इशारे पर वाराणसी के पूर्व SSP अमित पाठक, पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर, निलंबित डिप्टी SP अमरेश सिंह बघेल, दरोगा संजय राय और उसके बेटे समेत कुछ जज उनके पीछे पड़े हुए हैं। पीड़िता और उसके दोस्त ने आरोप लगाया था कि कोर्ट के ट्रायल के दौरान अमिताभ ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करके मामले को हल्का करने का प्रयास किया और लोगों को मिसगाइड करने लगे। ये भी आरोप लगाया कि इन सभी की मिलीभगत से दोनों (रेप पीड़िता और उसके गवाह) पर फर्जी प्रकरण दर्ज हुए। महिला को चरित्रहीन साबित करने की कोशिश की गई।

जानें कब, क्या हुआ

  • 1 मई 2019 को बलिया निवासी कथित रेप पीड़िता ने लंका थाने में सांसद अतुल राय के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया।
  • 22 जून 2019 को अतुल राय ने वाराणसी की अदालत में सरेंडर किया, जेल गए।
  • अतुल राय बीते सवा 2 साल से प्रयागराज के नैनी सेंट्रल जेल में बंद हैं।
  • 2 दिसंबर 2020 को पीड़िता के गवाह सत्यम प्रकाश राय ने लंका थाने धमकी मिलने का मुकदमा दर्ज कराया।
  • 2 अगस्त 2021 को रेप पीड़िता के खिलाफ कैंट थाने में दर्ज मुकदमे में अदालत ने गैर जमानती वारंट जारी किया।
  • 16 अगस्त 2021 की दोपहर सुप्रीम कोर्ट के सामने पीड़िता और गवाह ने फेसबुक पर लाइव हुए और आत्मदाह किया।
  • आत्मदाह की घटना के बाद यूपी सरकार ने दो सदस्यीय जांच समिति गठित की। 
  • टीम में पुलिस महानिदेशक डॉ. आरके विश्वकर्मा और नीरा रावत शामिल है। जांच टीम ने पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर को 23 अगस्त को बयान दर्ज करने के लिए तलब किया है। 
  • 21 अगस्त को पीड़िता के मित्र और गवाह सत्यम की इलाज के दौरान अस्पताल में दम तोड़ दिया।
  • 24 अगस्त को बलिया निवासी पीड़िता ने भी दम तोड़ा।
  • 27 अगस्त को अमिताभ ठाकुर को गिरफ्तार कर लिया गया।