BHU बवाल: बिड़ला और राजाराम के छात्रों पर मुकदमा दर्ज, पुलिस ने तेज की जांच, विवि की कार्रवाई पर नजर

BHU बवाल: बिड़ला और राजाराम के छात्रों पर मुकदमा दर्ज, पुलिस ने तेज की जांच, विवि की कार्रवाई पर नजर

वाराणसी, भदैनी मिरर। काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) में बीते गुरुवार को बिड़ला-सी और राजाराम छात्रावास के छात्र गुटों में हुई मारपीट और पत्थरबाजी को लेकर लंका थाने में दोनों गुटों की तरफ से 11 छात्रों के ऊपर मुकदमा दर्ज कराया गया। मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस ने उपद्रवियों की तलाश तेज कर दी है, सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे है।

राजाराम मोहन राय छात्रावास में रहने वाले मनीष, शक्ति सहित अन्य छात्रों का आरोप है कि अभिषेक राय, दर्शित पांडेय, राहुल राय, नवीन राय उर्फ इशू और आशीष हॉस्टल में घुस गए। मारपीट व तोड़फोड़ करते हुए आगजनी करने लगे। विरोध करने पर असलहा निकाल कर जान से मारने की धमकी दी।

दूसरी ओर छात्र भीष्म देव सिंह का आरोप है कुछ जूनियर साथियों के साथ राजाराम छात्रावास के मेस में खाना खाने पहुंचा तो हॉस्टल में एक छात्र के साथ कुछ दिन पूर्व मोबाइल चोरी होने की घटना के बाबत बातचीत करने लगे। इतने में पुनीत सिंह, विकास सिंह, आशीष ठाकुर, अतुल दुबे और अजीत यादव ने लाठी, डंडे और राड से मारकर एक साथी को जख्मी कर दिया।

लंका थाने की पुलिस आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करते हुए मामले की जांच कर रही है। इस संबंध में एसीपी भेलूपुर प्रवीण कुमार सिंह ने बताया कि मारपीट, तोडफोड़ में अन्य छात्रों की पहचान सामने आने पर कार्रवाई की जाएगी। एहतियातन दोनों हास्टलों के बाहर पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई है। 

हॉस्टल को कल तक खाली करने की नोटिस

बीएचयू के बिड़ला ए, बी, सी और लाल बहादुर शास्त्री (एलबीएस) हॉस्टल में रहने वाले छात्रों को 29 अगस्त तक हॉस्टल खाली करने का नोटिस दिया गया है। यह निर्णय कला संकाय प्रमुख की अध्यक्षता में हुई छात्रावास समन्वयक, एडमिन वार्डन और वार्डन की बैठक में लिया गया है। बताया गया है कि 29 अगस्त की शाम 5 बजे तक ऐसे छात्रों को छात्रावास हर हाल में खाली करने को कहा गया है। जिससे कि एक सितंबर से विश्वविद्यालय के आदेशानुसार छात्रावास आवंटन की प्रक्रिया शुरू की जा सके। 

बीएचयू प्रशासन की कार्रवाई का इंतजार

बृहस्पतिवार की देर रात पेट्रोल बम चलने, पत्थरबाजी की घटना के मामले में अब सभी की नजर बीएचयू प्रशासन की ओर से होने वाली कार्रवाई पर टिकी है। अभी तक मामले में कोई ठोस कार्रवाई विश्वविद्यालय की ओर से नहीं की गई है। चीफ प्रॉक्टर प्रो. आनंद चौधरी का कहना है कि मामले में बीएचयू प्रशासन की ओर से नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।