सड़क पर वाहन लगाने को लेकर बीच सड़क हुई जमकर मारपीट, आजाद अधिकार सेना ने की इंस्पेक्टर के निलंबन की मांग...
रोडवेज बस डिपो के पास सड़क पर वाहन खड़ा करने को लेकर दबंग वाहन संचालकों के बीच जमकर मारपीट हुई. मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही हड़कंप मच गया. उधर आजाद अधिकार सेना ने डीजीपी यूपी को पत्र लिखकर इंस्पेक्टर सिगरा के निलंबन की मांग की है.
वाराणसी, भदैनी मिरर। रोडवेज बस डिपो के पास सड़क पर वाहन खड़ा करने को लेकर दबंग वाहन संचालकों के बीच जमकर मारपीट हुई. मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही हड़कंप मंच गया. कुछ दिन पूर्व अवैध वाहन स्टैंड की शिकायत करने वाले पूर्व आईपीएस अधिकारी और आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर ने इंस्पेक्टर सिगरा के निलंबन की मांग की है. उधर, सिगरा पुलिस ने पांच लोगों को हिरासत में लेकर शांति भंग में चालान कर दिया है. सिगरा पुलिस अवैध स्टैंड की बात को नकार रही है.
जानकारी के अनुसार अरूण कुमार ने सिगरा थाने में तहरीर दी है. आरोप लगाया कि वह अपनी गाड़ी को प्रयागराज भेज रहा था. उसी दौरान वहां पहुचे दूसरे पक्ष के लोगों ने गाली-गलौज करते हुए मारपीट की. पूरी घटना रोडवेज पुलिस चौकी के सिपाहियों के सामने हुई. इसके बावजूद पुलिस मूकदर्शक बनी रही. आरोप लगाया कि दबंगों ने अरुण को गाड़ी न चलने देने की धमकी भी दी.
आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने वाराणसी के सिगरा थाना क्षेत्र के कैंट इलाके में अवैध टैक्सी स्टैंड पर मारपीट के मामले में इंस्पेक्टर सिगरा और एसीपी चेतगंज को निलंबित किए जाने की मांग की है.
उन्होंने इस संबंध में डीजीपी यूपी को पत्र भेज कर कहा है कि उन्होंने कई बार इस टैक्सी स्टैंड के संबंध में स्थानीय पुलिस अफसरों को शिकायत भेजी. जिसमें अंतिम बार उन्होंने एसपी चंदौली के पेशकार धीरेंद्र प्रताप सिंह और उनके लड़के के बारे में शिकायत थी.
इसके विपरीत हर बार थाना सिगरा मामले में फर्जी रिपोर्ट लगाकर मामले को रफा दफा कर दिया गया. अभी हाल में 12 जनवरी 2024 की अपनी रिपोर्ट में एसीपी चेतगंज ने एक बार फिर मौके पर कोई अवैध टैक्सी स्टैंड नहीं होने की बात कही. साथ ही गलत तथ्य अंकित करते हुए इंस्पेक्टर धीरेंद्र प्रताप सिंह और उनके पुत्र को क्लीन चिट दिया था. अमिताभ ठाकुर ने कहा कि मारपीट की ताजी घटना किन स्थितियों के कारण हुई है और यह दर्शाती है कि पुलिस इस अवैध गतिविधि में पूरी तरह लिप्त है. अतः उन्होंने डीजीपी से अविलंब इंस्पेक्टर सिगरा को निलंबित किया करते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई किए जाने की मांग की है.