#PM Modi ने किया देश को संबोधित, 3 कृषि कानून लिया वापस, जाने क्या बोले प्रधानमंत्री...
PM Modi addressed the country withdrew 3 agricultural lawsPM Modi ने किया देश को संबोधित, 3 कृषि कानून लिया वापस, जाने क्या बोले प्रधानमंत्री...
वाराणसी, भदैनी मिरर। प्रकाश पर्व के अवसर पर देशवासियों को सम्बोधित कर रहे पीएम मोदी ने देव दीपावली और गुरुनानक जयंती की शुभकामनाएं देते हुए कृषि कानून को लेकर आंदोलित किसानों को दिया उपहार। उन्होंने कहा कि आज देव दीपावली है, आज गुरु नानक देव जी का पवित्र प्रकाश पर्व है। विश्वभर में सभी लोगों को और सभी देशवासियों को हार्दिक बधाई देता हूं। ये भी बहुत सुखद है कि डेढ़ साल के अंतराल के बाद करतारपुर साबिह कॉरिडोर अब फिर से खुल गया है। संसार में सेवा का मार्ग अपनाने से ही जीवन सफल होता है।
3 कृषि कानून लिया वापस
मैं आज देशवासियों से क्षमा मांगते हुए, सच्चे मन से कहता हूं कि शायद हमारी तपस्या में भी कोई कमी रह गई थी। हम अपनी बात कुछ किसान भाइयों को समझा नहीं पाए। आज गुरु नानक जी का प्रकाश पर्व है। आज मैं पूरे देश को ये बताने आया हूं, हमने 3 कृषि कानूनों को वापस करने का निर्णय लेते हैं। हम तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की संविधानिक प्रक्रिया को खत्म करेंगे।
कई दशकों के टूटा रिकार्ड
पीएम मोदी ने कहा की सरकार ने अच्छी क्वालिटी के बीज के साथ ही किसानों को नीम कोटेड यूरिया, सॉयल हेल्थ कार्ड, माइक्रो इरिगेशन जैसी सुविधाओं से भी जोड़ा। किसानों को उनकी मेहनत के बदले उपज की सही कीमत मिले, इसके लिए भी अनेक कदम उठाए गए। देश ने अपने Rural market infrastructure को मजबूत किया। हमने MSP तो बढ़ाई ही, साथ ही साथ रिकॉर्ड सरकारी खरीद केंद्र भी बनाए। हमारी सरकार द्वारा की गई उपज की खरीद ने पिछले कई दशकों के रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं।
बीज, बीमा और बचत पर किया चौतरफा काम।
पीएम मोदी ने संबोधन में कहा कि हमारी सरकार इसी सेवा भाव से देशवासियों का जीवन आसान बनाने में जुटी है। अपने पांच दशक के सार्वजानिक जीवन में मैंने किसान के जीवन की परेशानियों को नजदीक से देखा है और महसूस किया है। इसीलिए जब देश ने मुझे सेवा का अवसर दिया तो मैंने किसान को सर्वोच्च प्राथमिकता दी। देश में दस करोड़ से ज्यादा किसान है, जिनकी जोट दो हेक्टेयर से कम है। देश के छोटे किसानों की चुनौतियों को दूर करने के लिए बीज, बीमा और बचत पर चौतरफा काम किया।’
नेक नियत से लाया गया था कानून
हमारी सरकार, किसानों के कल्याण के लिए, खासकर छोटे किसानों के कल्याण के लिए, देश के कृषि जगत के हित में, देश के हित में, गांव गरीब के उज्जवल भविष्य के लिए, पूरी सत्य निष्ठा से, किसानों के प्रति समर्पण भाव से, नेक नीयत से ये कानून लेकर आई थी। किसानों की स्थिति को सुधारने के इसी महाअभियान में देश में तीन कृषि कानून लाए गए थे। मकसद ये था कि देश के किसानों को, खासकर छोटे किसानों को, और ताकत मिले, उन्हें अपनी उपज की सही कीमत और उपज बेचने के लिए ज्यादा से ज्यादा विकल्प मिले।
प्रयासों के बावजूद नही समझ पाए किसान
लेकिन इतनी पवित्र बात, पूर्ण रूप से शुद्ध, किसानों के हित की बात, हम अपने प्रयासों के बावजूद कुछ किसानों को समझा नहीं पाए। कृषि अर्थशास्त्रियों ने, वैज्ञानिकों ने, प्रगतिशील किसानों ने भी उन्हें कृषि कानूनों के महत्व को समझाने का भरपूर प्रयास किया।
आगे के निर्णय के लिए गठित होगी कमेटी
आज ही सरकार ने कृषि क्षेत्र से जुड़ा एक और अहम फैसला लिया है। जीरो बजट खेती यानि प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए। देश की बदलती आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर क्रॉप पैटर्न को वैज्ञानिक तरीके से बदलने के लिए, एमएसपी को और अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाने के लिए, ऐसे सभी विषयों पर, भविष्य को ध्यान में रखते हुए, निर्णय लेने के लिए, एक कमेटी का गठन किया जाएगा। इस कमेटी में केंद्र सरकार, राज्य सरकारों के प्रतिनिधि होंगे, किसान होंगे, कृषि वैज्ञानिक होंगे, कृषि अर्थशास्त्री होंगे।