सजगता ही साइबर ठगी से बचने का हथियार, यह टिप्स जान गए तो नही हो सकते हैं शिकार

Awareness is the only weapon to avoid cyber fraud if you know these tips you cannot be a victimसजगता ही साइबर ठगी से बचने का हथियार, यह टिप्स जान गए तो नही हो सकते हैं शिकार

सजगता ही साइबर ठगी से बचने का हथियार, यह टिप्स जान गए तो नही हो सकते हैं शिकार

वाराणसी, भदैनी मिरर। जितनी तेजी से डिजिटल प्लेटफॉर्म पर काम शुरु हुआ है, उतनी ही तेजी से लोग साइबर क्राइम भी बढ़ रहा है। जिसका लोग शिकार भी हो रहे हैं। यह साइबर ठगी ज्यादातर आर्थिक रूप से ही की जाती है। जिसे लेकर वाराणसी कमिश्नरेट के अपर पुलिस आयुक्त आईपीएस सुभाष दुबे ने लोगों से इसके प्रति सजग रहने की अपील की है, साथ ही उन्होंने जनता को जागरुक रहने के लिए टिप्स दिए है। एडिशनल सीपी सुभाष चन्द्र दुबे ने कहा है कि ज्यादातर जनता अनजान साइट्स का उपयोग कर अथवा फोन से बैंक के नाम पर डिटेल्स देकर  ठगी का शिकार होती है।

अनजान से न हो कनेक्ट

अपर पुलिस आयुक्त ने बताया कि साइबर ठग कभी भी सामने से ठगी नहीं करते हैं। वह हमेशा अपनी पहचान छुपाकर ही ठगी करते हैं। वह हमेशा फेंक ओहोतो और प्रोफाइल के माध्यम से ही लोगों को अपना शिकार बनाते हैं। इसलिए किसी भी अनजान व्यक्ति को अपने सोशल मीडिया से कनेक्ट न करें। सिर्फ जान-पहचान वालों को ही एड करें। 

बैंक कभी खुद से नही मांगता OTP या PIN

अपर पुलिस आयुक्त ने बताया कि ज्यादातर लोग ऑनलाइन ठगी विशेषकर OTP नम्बर के जरिये साइबर ठगी का शिकार हो जाते हैं। उन्होंने बताया कि वर्तमान में सभी कार्य डिजिटल हो गए हैं। जिसके तहत बैंक भी अपने ग्रहकों से अपने-अपने तरीके से ऑनलाइन जुड़े हुए हैं। लेकिन बैंकों की खास बात यह है कि बैंक कभी भी खुद से तब तक आपका वन टाइम पासवर्ड (OTP) या एटीएम पर्सनल आइडेंटिफिकेशन नम्बर (PIN) नही मांगता जब तक आप खुद डेबिट या क्रेडिट न कर रहे हों। इसलिए कभी भी यदि ऑनलाइन वेरिफिकेशन या एकाउंट अपडेट करने के नाम पर कोई भी ओटीपी या आपका एटीएम पिन मांगता है तो न दें, हो सके तो ऐसे काल का रेस्पॉन्स न दें और तत्काल पुलिस को इसकी सूचना दें।

अनजान साइट पर न करें क्लिक

अपर पुलिस आयुक्त ने बताया कि कई बार ऑनलाइन सर्चिंग करते समय कुछ ऐसी साइट्स होती हैं जिन्हें क्लिक करने मात्र से ही आपके साथ साइबर ठगी हो जाती है। क्योंकि आपके अकाउंट से आपका आधार, मोबाइल और एकाउंट नम्बर जुड़ा होता है। जिसका साइबर क्रिमिनल क्लोन बनाकर फायदा उठाते हैं। इसलिए अनुरोध है कि ऑनलाइन सर्चिंग करते समय किसी भी अनजान साइट को क्लिक न करें। 

जागरूकता ही प्रबल हथियार

अपर पुलिस आयुक्त ने बताया कि मेरे द्वारा बताए गए साइबर ठगी से बचाव के उपाय सामान्य जरूर हैं। लेकिन इसके बावजूद लोग ज्यादातर साइबर ठगी के लोग शिकार हो रहे हैं। इसलिए सबसे पहले लोगों का इसके प्रति जागरूक होना सबसे जरूरी है। साइबर ठगी से बचाव के लिए जागरूकता ही प्रबल हथियार है। यदि फिर भी यदि आप किसी भी प्रकार की साइबर ठगी के शिकार होते हैं तो तत्काल पुलिस को इसकी सूचना दें। ताकि जो भी ऑनलाइन ठगी हुई है पुलिस अपने तरीके से आवश्यक विधिक कार्रवाई कर पुनः रिलिफ़ दिला सके।