PDM की पहली जनसभा में ओवैसी ने मुख्तार को बताया शहीद, PM पर भी लगाए कई आरोप, चुनाव आयोग से शिकायत...
पीडीएम (पिछड़ा दलित मुसलमान) गठबंधन के नेता और एआईएमआईएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी के वाराणसी में पहली रैली में दिए भाषण पर बखेड़ा खड़ा हो गया है.
वाराणसी, भदैनी मिरर। पीडीएम (पिछड़ा दलित मुसलमान) गठबंधन के नेता और एआईएमआईएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी के वाराणसी में पहली रैली में दिए भाषण पर बखेड़ा खड़ा हो गया है. अवैसी ने मुख्तार को शहीद बताया तो वहीं सपा पर जमकर बरसे. कहा कि मोदी मुसलमानों को घुसपैठिया कहते है. सभा में ओवैसी के भाषणों को लेकर भाजपा विधि प्रकोष्ठ के अधिवक्ता शशांक शेखर त्रिपाठी ने चुनाव आयोग से शिकायत कर दी है. उन्होंने भड़काऊ बयान देकर धार्मिक भावनाएं आहत कर वोट बैंक की राजनीति करने का आरोप लगाया है.
... जहर देकर मारे जाने वाला व्यक्ति शहीद होता है
नाटी इमली स्थित बुनकर कालोनी मैदान में पीडीएम गठबंधन की पहली जनसभा में ओवैसी के पहले संबोधन को सुनने के लिए अच्छी खासी भीड़ जुटी थी. उन्होंने मंच से खासतौर पर सपा को निशाने पर लिया. कहा कि सपा मुखिया का आधा परिवार मोदी के साथ चाय पीता है. हमसे सिर्फ जान मांगी जाती है और यह कहा जाता है कि हम भाजपा की 'बी' टीम हैं. जबकि ऐसा नहीं है. कहा कि हमारे लोगों को जेल में जहर दे दिया जाता है. हथकड़ी में गोली से उड़ा दिया जाता है. घर पर बुलडोजर चला दिया जाता है, लेकिन अखिलेश की जुबान से आज तक इस अन्याय के खिलाफ आवाज नहीं निकली. मुझे किसी से डर नहीं. मैं आज भी कहता हूं, मुख्तार अंसारी इंसान था. जहर देकर मारे जाने वाला व्यक्ति कभी मरता नहीं वो शहीद कहलाता कहा जाता है. एआइएमआइएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष सत्ता पक्ष पर जमकर बरसे. उन्होंने कहा कि मोदी मुसलमानों को घुसपैठिया कहते हैं. हाथ उठाकर बताइए, क्या आप घुसपैठी हैं. हमने आजादी की लड़ाई लड़ी, आरएसएस के लोगो ने सिर्फ माफीनामा लिखा. महंगाई से लोग परेशान हैं. युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा, लेकिन सरकार को चिंता नहीं.
भावना भड़काने की हुई कोशिश
अधिवक्ता शशांक शेखर त्रिपाठी ने कहा है कि वाराणसी की जनसभा में असदुद्दीन ओवैसी ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) और प्रधानमंत्री के ऊपर कई गलत झूठ और अनर्गल आरोप लगाए है. उन्होंने मुसलमान को भड़का कर उनका ध्रुवीकरण करने के लिए भी कई प्रकार के गलत व झूठे बयान दिए गए जिसमें मुसलमान की धार्मिक भावनाओं को भड़काने का प्रयास किया गया. ओवैसी के भाषण न केवल आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की श्रेणी में आता है बल्कि समाज के शांति व्यवस्था को प्रभावित करने वाला भी है.