मारपीट व दलित उत्पीड़न में मिली जमानत, जाने क्या है मामला...
जाम के दौरान गाड़ी आगे-पीछे करने को लेकर दलित युवक को मारने-पीटने के मामले में आरोपित को राहत मिल गई।
वाराणसी। जाम के दौरान गाड़ी आगे-पीछे करने को लेकर दलित युवक को मारने-पीटने के मामले में आरोपित को राहत मिल गई। विशेष न्यायाधीश (एससी/एसटी एक्ट) अनिल कुमार पंचम की अदालत ने अनेई, बड़ागांव निवासी आरोपित योगेश सिंह उर्फ छोटू सिंह को 25-25 हजार रुपए की दो जमानतें एवं बंधपत्र देने पर अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया। साथ ही नियमित जमानत के लिए अगली तिथि 6 अगस्त नियत कर दी। अदालत में बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता विकास सिंह व अमनदीप सिंह ने पक्ष रखा।
अभियोजन पक्ष के अनुसार चकचमरान, अनेई (बड़ागांव) निवासी विश्वास ने बड़ागांव थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। आरोप था कि उसका पुत्र एक दिसंबर 2019 को शाम 6 बजे अनेई बाजार में ट्रैफिक में फंसा था। जिसके आगे अनेई गांव के छोटू सिंह, बंटी सिंह, मनोज सिंह, उदय सिंह, लिटिल सिंह संदीप सिंह, नितिन शुक्ला, अंकित सिंह, दुर्गेश सिंह व 10-15 अज्ञात लोग मौजूद थे। इसी दौरान गाड़ी आगे-पीछे करने को लेकर तू तू-मैं मैं होने लगा। जिसका वादी के पुत्र ने विरोध किया। इस पर वह लोग उग्र हो गए और वादी के पुत्र को जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए भद्दी-भद्दी गालियां देने लगे और मारने-पीटने लगे। पिटाई से उसका पुत्र वहीं मौके पर ही बेहोश हो गया। इसकी सूचना मिलने पर तत्काल मेरी पत्नी माला देवी, परिवार की राधिका, प्रेमा, विनोद के साथ मौके पर पहुंची तो आरोपितों ने उनके साथ भी दुर्व्यवहार करते हुए मारपीट किया। शोर सुनकर जब लोगों की भीड़ जुटने लगी तो सभी हमलावर जान से मारने की धमकी देते हुए वहां से भाग गए। इसी मामले में शुक्रवार को आरोपित ने अदालत में समर्पण कर अंतरिम जमानत के लिए अर्जी दी थी।