पूर्व पार्षद को मिली जमानत: आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में भेजे गए थे जेल, पत्नी ने किया था सुसाइड...
पत्नी को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में राहत मिल गई है. जिला जज संजीव पांडेय की अदालत ने मुरली गली, चौक निवासी आरोपित पूर्व पार्षद दिलीप यादव को एक-एक लाख रुपए की दो जमानतें एवं बंधपत्र देने पर रिहा करने का आदेश दिया.
वाराणसी, भदैनी मिरर। पत्नी को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में राहत मिल गई है. जिला जज संजीव पांडेय की अदालत ने मुरली गली, चौक निवासी आरोपित पूर्व पार्षद दिलीप यादव को एक-एक लाख रुपए की दो जमानतें एवं बंधपत्र देने पर रिहा करने का आदेश दिया. अदालत में बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता अनुज यादव, कृष्णा यादव ईलू व रोहित यादव ने पक्ष रखा.
अभियोजन पक्ष के अनुसार दूध विनायक, कोतवाली निवासी विशाल वर्मा ने कोतवाली थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी. आरोप था कि 7 जुलाई 2024 को उसकी बहन संध्या वर्मा ने 2.30 बजे दिन में अपने कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है. आत्महत्या की वजह उसके पति दिलीप यादव व समूह के कुछ लोग को बताया है. जिसके बारे में उसने मृत्यु से पूर्व सुसाइड नोट में कहा है. जिसमें उसने कहा है कि उसका पति उसका कोई सहयोग नहीं करते थे और ना ही कोई खर्चा देते थे.
उसकी बहन की एक छोटी बेटी है, जिसके स्कूल की फीस भी नहीं देते थे और उसको प्रताड़ित करते थे. इसी वजह से उसकी बहन काफी परेशान हो गई थी. साथ ही समूह के लोग उसकी बहन को काफी परेशान करते थे और गाली गलौज करते हुए धमकी देते थे कि घर से उठा ले जाएंगे. साथ ही समूह की कुछ महिलाएं उसकी बहन के जरिए समूह का पैसा लेकर वापस नहीं दे रही थी और समूह वाले उसकी बहन को प्रताड़ित कर रहे थे. इसी वजह से उसकी बहन ने आत्महत्या कर ली है.
अदालत में बचाव पक्ष की ओर से दलील दी गई कि आरोपित को फर्जी ढंग से आरोपित बना दिया गया है. जबकि सच्चाई यह है कि समूह के जरिए तमाम महिलाओं को ऋण दिलवाया गया था और ऋण लेने वाली महिलाएं पैसा वापस नहीं कर रही थी. जिसकी वजह से समूह वाले आए दिन उसके घर आकर उसकी पत्नी को धमकी देते थे और प्रताड़ित करते थे. जिसकी वजह से मृतका ने आत्महत्या की है. आरोपित अपनी पत्नी का पूर्ण सहयोग करता था और पति का संपूर्ण दायित्व निभाता चला आ रहा है. अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद आरोपित को जमानत दे दी.